ललित बाबू मिथिलांचल की राष्ट्रीय पहचान बनाने के लिए पूरी तन्मयता से प्रयास किया: शीतलांबर
ललित बाबू मिथिलांचल की राष्ट्रीय पहचान बनाने के लिए पूरी तन्मयता से प्रयास किया: शीतलांबर
जे टी न्यूज़, मधुबनी(राजू प्रसाद) : जिला कांग्रेस कार्यालय ललितभवन में पूर्व जिलाध्यक्ष प्रोफेसर शीतलांबर झा की अध्यक्षता में ललित बाबू की 100वी जयंती मनाई गई। ललित बाबू पिछड़े बिहार को राष्ट्रीय मुख्यधारा के समकक्ष लाने के लिए सदा कटिबद्ध रहे।
उन्होंने अपनी कर्मभूमि मिथिलांचल की राष्ट्रीय पहचान बनाने के लिए पूरी तन्मयता से प्रयास किया। विदेश व्यापार मंत्री के रूप में उन्होंने बाढ़ नियंत्रण एवं कोशी योजना में पश्चिमी नहर के निर्माण के लिए नेपाल-भारत समझौता कराया। उन्होंने मिथिला चित्रकला को देश-विदेश में प्रचारित कर उसकी अलग पहचान बनाई।
मिथिलांचल के विकास की कड़ी में ही ललित बाबू ने लखनऊ से असम तक लेटरल रोड की मंजूरी कराई थी, जो मुजफ्फरपुर और दरभंगा होते हुए फारबिसगंज तक की दूरी के लिए स्वीकृत हुई थी। रेल मंत्री के रूप में मिथिलांचल के पिछड़े क्षेत्रों में झंझारपुर-लौकहा रेललाइन,
भपटियाही से फारबिसगंज रेललाइन जैसी 36 रेल योजनाओं के सर्वेक्षण की स्वीकृति उनकी कार्य क्षमता, दूरदर्शिता तथा विकासशीलता के ज्वलंत उदाहरण है।जिला अध्यक्ष मनोज मिश्र ने मीडिया के माध्यम से भारत सरकार से ललित बाबू को भारत रत्न देने की मांग की।
भाग लेनेवालों में मुख्य रूप से हिमांशू कुमार, अशोक कुमार,मुकेश कुमार पप्पू, राजीव शेखर ,प्रोफेसर इंतियाज अहमद,समरजीत सिंह,धनेश्वर ठाकुर,अविनाश कुमार,मुकेश झा,आलोक कुमार, दर्जनों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया