नीतीश कुमार भाजपा के जाल में क्यों फंसे

नीतीश कुमार भाजपा के जाल में क्यों फंसे

 

सामाजिक न्याय और लोकतंत्र के साथ भीषण विश्वासघात के रूप में याद किया जायेगा -कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य

 

जे टी न्यूज, समस्तीपुर: यह तो सब जानते थे कि भाजपा बिहार में फिर से सत्ता पाने को बेताब थी. समय ही बताएगा कि नीतीश कुमार फिर भाजपा के जाल में क्यों फंसे. इस कृत्य को सामाजिक न्याय और लोकतंत्र के साथ भीषण विश्वासघात के रूप में याद किया जायेगा.बिहार इस विश्वासघात को बर्दाश्त नहीं करेगा और फासिस्ट हमले के विरुद्ध पुरजोर तरीके से लड़ेगा.

 

अपने समय में कर्पूरी ठाकुर ने जब बिहार में आरक्षण और सामाजिक न्याय के एजेंडा को लागू करने के लिए पहला निर्णायक कदम उठाया तो उन्हें आरएसएस के दुष्टतापूर्ण विरोध का सामना करना पड़ा. उन्हें कभी अधिक समय तक सत्ता में नहीं रहने दिया गया, बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर उनके दो कार्यकाल बहुत ही अल्पकालिक थे.

आज कर्पूरी ठाकुर का सम्मान करने के नाम पर आरएसएस- भाजपा ब्रिगेड, सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले नितिश कुमार को प्यादे के रूप में इस्तेमाल करके, बिहार की न्याय और लोकतंत्र की लड़ाई को पटरी से उतारना चाहती है.

धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, सामाजिक व आर्थिक न्याय और जन अधिकार की पक्षधर ताकतों को इस फासीवादी षड्यंत्र को बेनकाब करते हुए कर्पूरी ठाकुर की लोकतंत्रिक संघर्ष की विरासत को आगे बढ़ाना होगा.

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