बिहार में नीतीश कुमार का चुनाव में खाता नहीं खुलता हारने के डर से गए भाजपा की शरण में: प्रशांत किशोर

बिहार में नीतीश कुमार का चुनाव में खाता नहीं खुलता हारने के डर से गए भाजपा की शरण में: प्रशांत किशोर

जे टी न्यूज, पटना: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार नीतीश कुमार के इतनी बार पलटने के बाद भी क्या जनता के अंदर सुधार आएगी या नहीं, पूछे गए इस सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं दावे के साथ कैमरे पर कह रहा हूं कि अगर किसी एक नेता के खिलाफ जनता में सबसे ज्यादा गुस्सा है, तो वे है नीतीश कुमार। आप किसी भी वर्ग से बात कीजिए, किसी सामान्य नेता से बात कीजिए, पब्लिक से बात कीजिए, नीतीश कुमार के अपने सपोटर, वोटर और पार्टी के नेताओं से बात कीजिए हर आदमी आज नीतीश कुमार के खिलाफ अपशब्द और गलत बात कह रहा है।

ऐसा मत समझिए कि बिहार की जनता समझती नहीं है। यही नीतीश कुमार हैं जिन्हें 2010 में इनके नाम और चेहरे पर बिहार की जनता ने 206 विधायकों को जिताया था और आज यही नीतीश कुमार हैं, जिनके 42 विधायक जीते हुए हैं और एमपी के चुनाव में हारने के डर से भाजपा की शरण में गए हैं। अगर, मोदी जी और भाजपा का साथ नहीं रहा तो खाता भी नहीं खुलेगा।

आप लिखकर रखिए कि नीतीश कुमार अब चाहे जिस गठबंधन में लड़े या भाजपा के साथ लड़े, अगली बार विधानसभा चुनाव में इन्हें 20 से कम विधायक आएंगे। जेडीयू को आगामी विधानसभा चुनाव में 20 विधायक भी नहीं आएंगे, अगर आएंगे तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। नीतीश कुमार चाहे भाजपा के साथ लड़े, महागठबंधन के साथ लड़े या किसी के साथ लड़े, बिहार की जनता इतनी बेवकूफ नहीं है। आज जनता इतनी व्याकुल है, जनता ने नीतीश कुमार को वोट किया, लेकिन ये आदमी बार-बार पलटा है। जनता आज कितना असहाय महसूस कर रही है और नीतीश कुमार खुद को चतुर समझ रहे हैं, लेकिन ये आदमी चतुर नहीं निहायत धूर्त आदमी है। जो पूरे बिहार की 13 करोड़ की जनता को मूर्ख बनाकर ठग रहा है। अगले चुनाव में बिहार की जनता सूध समेत इसका हिसाब करेगी।

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