समरसता की बुनियाद पर खड़े गांधी दर्शन का कायल है बिहार…।

जेटी न्यूज़ कार्यालय।

मधुबनी 4 मार्च ’20

 

स्थानीय देवनारायण यादव महाविद्यालय के सभागार में बुधवार को संस्थापक सचिव रहे पूर्व बिहार विधानसभा अध्यक्ष स्व. देवनारायण यादव की पुण्यतिथि पर स्मृति समारोह सह सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत स्व. यादव के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर की गई। ‘गांधीदर्शन एवं बिहार का विकास ‘ विषय पर आधारित इस सेमिनार का आयोजन कॉलेज के समारोह एवं गोष्ठी समिति ने किया।

कालेज संघ के अध्यक्ष प्रो अरुण कुमार के संचालन मे आयोजित इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए समारोह के मुख्य अतिथि व शासी निकाय के सचिव गया प्रसाद यादव ने कहा कि अर्थशास्त्र व राजनीति को धर्म के साथ जोड़कर देखने की जरूरत है।

गांधी जी ने कहा था कि धर्मविहीन राजनीति मृत्युजाल के समान है। धर्मपरायण सदाचारी व्यक्ति अनन्त इच्छाओं को रोक जीवन की आवश्यकताओं को कम कर बिहार के विकास में योगदान के महत्व को सदा ही समझा है, जो गांधीदर्शन से प्रभावित है।

उन्होंने कहा कि इस कालेज के संस्थापक व पूर्व स्पीकर स्व देवनारायण बाबू सच्चे गांधीवादी थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे बार काउंसिल पटना के सदस्य सह वरिष्ठ वकील दीनानाथ यादव ने कहा कि गांधी जी के सत्य व अहिंसा आधारित दर्शन के कारण आज भी हमारी गंगा-यमुनी संस्कृति जीवंतता की ओर अग्रसर है।

अपने अध्यक्षीय भाषण मे प्राचार्य डा. चन्द्रशेखर प्रसाद ने कहा कि गांधीदर्शन की बुनियाद सत्य, अहिंसा, ईमानदारी, मानवता, धर्मनिरपेक्षता व समरसता पर टिकी है। कृषि प्रधान बिहार प्रदेश के विकास में इन तत्वों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। हलांकि गांधी जी के कुटीर उद्योग की जगह मशीन आधारित कारखाने को बढ़ावा देने से गांव व शहर के बीच की खाइ बढ़ी है। प्रो अरुण कुमार ने कहा कि खादी स्वदेशी स्वाभिमान का रक्षक है, इसका आदर करना हम देश वासियों का धर्म है। कार्यक्रम का संचालन प्रो. अरुण कुमार ने किया।

मौके पर पूर्व लोक अभियोजक कमल नारायण यादव, प्रो. विमल कुमार सिंह, प्रो. सुरेश प्रसाद, प्रो. अखिलेश्वर यादव, प्रो. उपेन्द्र कुमार केसरी, प्रो. कैलाशपति यादव, डॉ. कृष्णकुमार यादव, प्रो. धनवीर यादव, प्रो. लालबिहारी शरण, प्रो. रामनारायण यादव, प्रो. रामसेवक यादव, विश्वदेव यादव, अशोक चौधरी, राजेश कुमार समेत प्रायः सभी कर्मी उपस्थित थे।

Related Articles

Back to top button