रामबिलास मिश्र एक सच्चे समाजवादी एवं सर्वमान्य,जनप्रिय नेता थे:संजीव

रामबिलास मिश्र एक सच्चे समाजवादी एवं सर्वमान्य,जनप्रिय नेता थे:संजीव


जे टी न्यूज़, सरायरंजन/समस्तीपुर: रामबिलास मिश्र एक सच्चे समाजवादी एवं सर्वमान्य व जनप्रिय नेता थे उक्त बातें क्षेत्र के पूर्व पंचायत समिति सदस्य सह युवा समाजसेवी बागी संजीव कुमार इन्कलाबी उर्फ़ “भाई जी” ने हरिलोचनपुर तिसवाड़ा स्थित बिहार सरकार के पूर्व भवन निर्माण मंत्री स्व. रामबिलास मिश्र जी के पैतृक आवास पर उनके सुपुत्र गगन मिश्र और सरायरंजन विधानसभा से रहे पूर्व प्रत्यासी सज्जन कुमार मिश्र जी के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित उनकी 24वीं पुण्यतिथि समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। श्री इन्कलाबी ने यह भी कहा की उनका सम्पूर्ण जीवन चरित्र अनुकरणीय है आज भी लोग इनके जीवन चरित्र से बहुत कुछ सीखते हैं। उन्होंने यह भी कहा की स्व. मिश्र जी विपरीत परिस्थितियों में भी अपने आप को नियंत्रित रखते थे और धैर्य से काम लेते थे ऐसे महान महान व्यक्तित्व के आज पुनर्मूल्यांकन की जरूरत है। ये एक मुखिया से सार्वजनिक जीवन की शुरुआत कर चार बार विधायक व मंत्री पद पाकर भी अहंकार की भावना उनको छू तक नहीं पाई थी। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी की हम लोग उनके बताए रास्ते पर चलें ,उनके विचारों एवम् सिद्धांतों का अनुकरण करें। वो एक राजनेता के साथ साथ कवि भी थे उनकी कविता का पाठ सीधा आकासवानी पटना और आकाशवाणी दरभंगा से भी प्रसारित होती थी।

12 अप्रैल 2000 ई.का वो दिन मानो हवा थम सी गई हो,सूर्योदय की किरणे मलिन सा धुंधला सा हो गया हो। ऐसा लगता था मानो पतझड़ सा आगया हो,बादलों ने आकाश को अपनी आगोस में समा लिया हो। सबकी आंखें नम थी क्योंकि आज ही के दिन एक माली जो अपने हाथों से खून पसीने से सजाए बगीचे को सदा सदा के लिए छोड़कर जा चुके थे। तिसबारा गांव का यह पावन धरती सूनी हो गई थी, भोर की आंख डबडबा गई थी, राहें रो रही थी,गगन भी रो रहा था,सजन भी रो रहे थे रो रही थी जनता सारी। उनको देखने के लिए पहुंचे थे लोगों की संख्या भारी। क्योंकि एक प्रखर समाजवादी,गरीबों के मसीहा का अंत हो चुका था। जी हां इस सरायरंजन की धरती,तिसवारा की धरती ने एक अनमोल रत्न खो दिया था,अपना एक ऐसा पुत्र खोया था जो समाजवाद में विश्वास रखते थे,मानववाद में विश्वास रखते थे। उसके बाद तो मानो यह भूमि बंजर ही हो गई,यह समाजवादी की धरती ही रूठ गई,यह सरायरंजन की धरती रेगिस्तान सी हो गई,यहां फिर कोई नेतृत्वकर्ता इस धरती पर पैदा नहीं हुआ। आज उनके पुण्यतिथि पर बड़े बड़े धनुर्धर कसीदे कढ़ रहे थे पर किसी में इतनी साहस नहीं की इस सरायरंजन की धरती को उपजाऊ कैसे बनाया जाए? किन्हीं को इतनी फिकर नहीं चिन्ता नहीं की यह सरायरंजन के रेगिस्तान को फिर से उपजाऊ बनाकर हरा भरा बनाया जाए। बस किसी के पीछे खड़े होकर फोटो खिंचवा लिया जाए और सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट कर दिया जाए फिर अपने अपने खोह कंदराओं में सो जाया जाए हो गई पुण्यतिथि,हो गया जयंती समारोह। बस आप लोग फोटो ही खिंचवाते रहिए और इसके लिए भी धक्का मुक्की करते रहिए क्योंकि और कुछ तो आप लोग कर नहीं सकते। स्व. राम बिलास मिश्र जी की 24वीं पुण्यतिथि मनाई गई उनके पैतृक गांव तिसबारा में उनकी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की गई सभी दल के क्षेत्रीय दिग्गज पहुंचे और उनको श्रद्धासुमन अर्पित की गई पर आज भी राजनीतिक रूप से अतिक्रमित सरायरंजन अपनी आजादी के लिए कराह रही है। सरायरंजन की धरती आज भी नेतृत्व विहीन है! आज भी सरायरंजन पूछ रहा है क्या नेतृत्व क्षमता मर गई है? आज भी स्व.मिश्र जी की आत्मा पूछ रही है क्या तुम लोग सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए ही पैदा हुए हो? यदि आत्मसम्मान के लिए नहीं लड़ सकते हो तो जिंदा रहते हुए भी हज़ार मौत मरने के बराबर हो।

 

मैं तो अब बोलना भी छोड़ दिया क्योंकि हमारी बातों से बहुत से लोगों को तकलीफ़ हो जाति है। मैं तो बस अपनी भड़ास निकाल रहा हूं। स्व. राम बिलास मिश्र जी की पुण्यतिथि पर उन्हें सत सत नमन। आप चार बार विधायक रहे इस दौरान आपने बिहार सरकार ने भवन निर्माण मंत्री के पद पर रहकर काम किए।
स्व.राम विलास मिश्र अमर रहे। अमर रहे अमर रहे। – मौके पर जिला परिषद सदस्य अरुण गुप्ता,प्रखंड प्रमुख वीणा कुमारी, उप प्रमुख संजीव कुमार ठाकुर,पूर्व मुखिया अजीत कुमार झा,कुमार विश्वनाथ,विपिन ईश्वर,अरुण गुप्ता,जेडीयू प्रखंड अध्यक्ष रामाश्रय प्रसाद,राजद प्रखंड अध्यक्ष विष्णुदेव पासवान,भाजपा मंडल अध्यक्ष अमरेश झा,लोजपा(आर.) प्रखंड अध्यक्ष विदेशी राय,रालोद के जिलाध्यक्ष अनन्त कुशवाहा,मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष राजू कुमार झा आदि हजारों लोग उपस्थित रहे। जब तक सूरज चांद रहेगा,मिश्र जी आपका नाम रहेगा।

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