बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर द्वारा रचित पवित्र ग्रंथ संविधान से बीजेपी को नफ़रत क्यों -राम सुदिष्ट यादव

बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर द्वारा रचित पवित्र ग्रंथ संविधान से बीजेपी को नफ़रत क्यों -राम सुदिष्ट यादव


जे टी न्यूज़, समाजवादी विचारक राम सुदिष्ट यादव ने सवाल किया कि भारतीय जनता पार्टी, मोदी सरकार और भाजपा के नेताओं को बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर द्वारा रचित, लिखित देश के सबसे पवित्र ग्रंथ संविधान से नफ़रत क्यों है? भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व वाली सरकार दलितों, पिछड़ों, वंचितों और गरीबों का आरक्षण, नौकरी, मौलिक अधिकारें, लोकतंत्र और संविधान क्यों समाप्त करना चाहती है?


भाजपा के सहयोगी दलों को, इंडिया गठबंधन में खामियां ढ़ूढ़ने वाले समाजवादी विचारधारा से आनेवाले क्षेत्रीय पार्टियों, नेताओं को भाजपा सरकार के दस वर्षों के शासनकाल में लोकतंत्र और संविधान पर खतरा क्यों नहीं दिखाई दे रही है? वे लोग अपने व्यान व क्रियाकलापों से आरक्षण विरोधी, नौकरी, रोजगार, मौलिक अधिकारें छिनने वाले भाजपा को बल क्यों दे रहे हैं? डॉ राममनोहर लोहिया समाजवादी चिंतक और समाजवादी दर्शन को देश में स्थापित कर कहा था कि अंतिम पंक्ति के गरीब और पूंजीपतियों के बीच मात्र एक और दस के बीच आर्थिक अनुपातिक अंतर रहना चाहिए। यदि यह सिद्धांत धरातल पर उतारा जाय तो समाज में अधिकतम लोगों की आकांक्षाएं पूर्ति की जा सकती है।
इसलिए समाजवादी नेता डॉ राममनोहर लोहिया के विचारधारा की राजनीति करने वाले बिहार सहित देश के तमाम राजनीतिक दलों, समाजवादी कहलाने वाले नेताओं, विचारकों, समर्थकों से विनम्र अनुरोध है कि विचारधारा से एकजुटता बनाए रखें। नीति, सिद्धांत, घोषणा पत्र और जनता के मुद्दों के आधार पर राजनीति स्थापित करने की दिशा में अग्रसर होने केलिए मजबूती से बढ़ें।

 

इससे एक तरफ समाज का काफी भला होगा, वहीं विचारधारा को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी, जिससे भारतीय लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष संविधान की मजबूती से हिफाज़त होगी। व्यक्तिगत लोगों की आकांक्षाएं पूर्ति करने या तुष्टिकरण की नीति से सामाजिक व्यवस्था कमजोर होगी, सामाजिक व्यवस्था कमजोर होने से नीति एवं सिद्धांत बल कमजोर होगा। जब नीति और सिद्धांत बल कमजोर हो जायेगा तो दुनिया के सबसे खूबसूरत डॉ भीमराव आंबेडकर के द्वारा रचित लिखित भारतीय ग्रंथ संविधान और पारदर्शी लोकतांत्रिक व्यवस्था, धर्मनिरपेक्ष भारत को हम अधिक वर्षों तक हिफाज़त नहीं कर सकेंगे।

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