सत्ता व विपक्षक करोड़ो रूपया खर्च करते रहेंगे, शिक्षक एवं कर्मचारी अनुदान की राशि के लिए तरसते रहेंगे। रमेश शंकर झा के साथ सुरेश कुमार राय की रिपोर्ट, डेस्क बिहार।

 

 

रमेश शंकर झा के साथ सुरेश कुमार राय की रिपोर्ट,
डेस्क बिहार।

पटना:- बिहार में करीबन 250 एफिलेटेड डिग्री महाविद्यालय के करीबन 50 हजार शिक्षक एवं कर्मचारियों के आश्रित भुखमरी के कगार पर, बच्चों की पढ़ाई से वंचित एवं बीमारियों से तंगी एवं बिजली, पानी, शादी विवाह होने में समस्या उत्पन्न हो गया है। जिसके कारण कई लोग अपने जीवन लीला समाप्त कर लीया है। बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी है, जिसके कारण 2012 से अनुदान की राशि का भुगतान आज तक नहीं हो सका है। इस लोकसभा चुनाव में भाजपा, जदयू, लोजपा, कांग्रेस, और आरजेडी एवं विभिन्न दलों ने बिहार में 40 सीटों पर अरबों खरबों रुपए पानी की तरह बहाते नजर आते हैं। लेकिन साफ-सुथरे चुनाव के लिए लेख-जोखा पर्यवेक्षक को भी लगाया जाता है। जिनपर लाखो रूपय यात्रा भत्ता पर खर्च होते है। वहीँ तमाम पर्यवेक्षको को भी सरकारी अस्तर पर हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराए जा रहे हैं। परंतु इन शिक्षकों को एवं कर्मचारियों की दशा दिशा देखने वाला कोई नहीं है। भोली-भाली जनता को जात, धर्म और पार्टी के नाम पर धोखा देकर चलते बनेंगे। परन्तु भगवान भरोसे जनता चलते रहेंगे ……?

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