ड्रोन खतरों और सुरक्षा पर विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन
ड्रोन खतरों और सुरक्षा पर विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन
जे टी न्यूज़, जयनगर :
भारतीय वायुसेना द्वारा आज 48वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल जयनगर में एक विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया। इस सत्र का उद्देश्य आधुनिक तकनीक के साथ बढ़ते ड्रोन खतरों से निपटने और उनसे बचाव के तरीकों पर सशस्त्र सीमा बल के जवानों को प्रशिक्षित करना था।
इस विशेष प्रशिक्षण सत्र में ड्रोन के माध्यम से संभावित खतरों की पहचान, उनसे होने वाले सुरक्षा उल्लंघनों और खुफिया जानकारी लीक होने की संभावनाओं पर विस्तृत जानकारी दी गई। इसके साथ ही, जवानों को ड्रोन के उपयोग से संबंधित जोखिमों का आकलन, उन्हें निष्क्रिय करने की तकनीक और समय पर प्रभावी सूचना संप्रेषण के तरीकों पर भी प्रशिक्षित किया गया।
भारतीय वायुसेना के विशेषज्ञों फ्लाइट लेफ्ट. प्रणय भगत, फ्लाईंग ऑफिसर मेहुल गुप्ता तथा अन्य 02 कार्मिको ने ड्रोन हमलों और निगरानी के संभावित खतरों के बारे में विस्तृत जानकारी दी, और किस प्रकार के परिष्कृत उपकरण और तकनीक का इस्तेमाल करके इन खतरों से निपटा जा सकता है, इस पर जोर दिया। इसके साथ ही ड्रोन विरोधी तकनीक और उपकरणों के उपयोग, सतर्कता बनाए रखने और सूचना के त्वरित प्रसार पर भी गहन चर्चा की गई।
कार्यक्रम के अंत में, 48वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल एसएसबी के कार्यवाहक कमांडेंट विवेक ओझा ने बताया कि यह प्रशिक्षण हमें आने वाले आधुनिक खतरों से सावधान करने के लिए आयोजित की गई है तथा सशस्त्र सीमा बल और वायुसेना के अधिकारियों ने ड्रोन खतरों से निपटने के लिए इस तरह के प्रशिक्षण सत्रों की महत्ता पर बल दिया और इसे भविष्य के सुरक्षा उपायों के लिए बेहद उपयोगी बताया।