जिले भर में गूजते रहे होली के गीत, डफली, और ढोलक की थाप पर झूमते लोगों ने जम कर उडाये रंग-गुलाल, धूमधाम से मनी होली

जे टी न्यूज, समस्तीपुर : निजी विवाद को लेकर घटी छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो जिले में विविध रंगों व व्यंजनों के साथ मस्ती का पारंपरिक महोत्सव होली के मौके पर दोनो दिन हमेशा की तरह उत्साह और उमंग सिर चढ कर बोला। क्या बच्चे, क्या बूढे क्या जवान, हर तरफ ढोलक और डफली की थाप पर गूंज रहे होली गीतों के संग लोग झूमते नाचते देखे गये। कुल मिला कर हर्षोल्लास भरे माहौल में होली का त्योहार संपन्न हो गया। जगह जगह लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाते दिखे। बताते चलें कि गेंहूं की फसल तैयार होने की खुशी में मनाया जाने वाला अंग्रेजी वर्ष का दूसरा और हिन्दी वर्ष का पहला नवान्नोनिष्ठ होली चैत्र मास की प्रतिपदा को मनाया जाता है। गुरूवार को होलिका दहन के बाद शुक्रवार को दिन भर पुर्णिमा रहने के कारण होली शनिवार को था। मगर यह पर्व ही अपने आप में अनूठा है। न नियमों का कोई बंधन, न पवित्रता की बाध्यता, न पूजा पाठ का कोई चक्कर, न कोई प्रतिबंध, सिर्फ मस्ती, हुडदंग और विविध व्यंजनों का पर्व है होली। इसलिए होली के मस्तानों ने दोनों ही दिन यानि शुक्रवार और शनिवार को जम कर मस्ती की। विगत कुछ दिनों से प्रशासन और टीवी चैनल पर जो आशंकायें जताई जा रही थी वैसा कुछ नहीं हुआ। होली के पहले दिन जुमे की नमाज भी पुर अकीदत अदा की गई वहीं जम कर रंग गुलाल भी उडे। कई जगहों पर मुसलमान भाई भी होली के इस जश्न में शामिल देखे गये। इस क्रम में समस्तीपुर विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहीन घूम घूम कर होली की बधाई देते और ढोलक बजा कर होली गाते देखे गये, तो विधान पार्षद डाॅ तरूण कुमार ने भी लोगों को होली को परस्पर प्रेम, सौहार्द और भाईचारे का प्रतिक और सामाजिक समरसता का पर्व बताते हुए लोगों को बधाई और शुभकामनायें दी। इस अवसर पर लोगों को बधाई देते हुए श्री शाहीन ने कहा कि पर्व त्योहार जीवन में उमंग और नई उर्जा का संचार करते हंै। ये हमें परस्पर सौहार्द, प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं। वास्तव में यही हमारे देश की खूबसूरती और मजबूती का आधार है। फिरका परस्त ताकतों को देश वासियों ने करारा जवाब दे दिया है। वहीं डाॅ तरूण कुमार ने कहा कि होली के विविध रंग विविधता में एकता का संदेश देते हैं, जो हमारे देश की सांस्कृतिक पहचान है। होली के विविध रंग मिल कर जिस तरह एक नया माहौल बना देते हैं उसी तरह सभी जाति, संप्रदाय, धर्म के लोग मिल कर देश को एक नई पहचान देते हैं।

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