बिजली विभाग के कनीय अभियंता तक सभी पदाधिकारियों के आय और संपत्ति की हो जांच : आरके राय, 

राम नाम का लूट है लूट सके से लूट का चल रहा खेल बिजली विभाग में, 

जेटी न्यूज।

समस्तीपुर (बिहार) : समस्तीपुर ही नहीं बल्कि पूरे बिहार बिजली विभाग बिहार के जनता को अमरबेल और बिजली की तरह खून चूसने का काम कर रही है। बिजली विभाग के कनीय अभियंता से लेकर बिजली विभाग के अध्यक्ष और सीएमडी तक इस लूट अभियान में लगे हुए हैं। अप्पन पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव आरके राय ने संवाददाता से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा बिजली विभाग और राजस्व विभाग में अनियमितता और भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं है सब जानते हैं, मगर इसका खुलासा तब हुआ जब बिजली विभाग के सीएमडी संजीव हंस को अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोप में सीबीआई की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। श्री राय ने कहा कि जानकार बताते हैं प्रत्येक जिला में कनीय अभियंता से लेकर सुपरिटेंडिंग इंजीनियर तक केवल लूट में ही लगे हैं। इसलिए एसडीओ, जेई से एसई तक सभी के आय और संपत्ति की जांच होनी चाहिए। मेरा दावा है जांच के बाद 70-80 प्रतिशत पदाधिकारी जेल चले जायेंगे।बिना मीटर रीडिंग के घर बैठे गलत बिलिंग करके सूद दर सूद जोड़कर अपने दलालों के माध्यम से अवैध वसूली करने का खेल तो पुराना है। इस मामले में पंचायत, प्रखंड, अनुमंडल से लेकर जिला स्तर तक असामाजिक तत्वों के बल पर वसूली किए जाने की भी खबर है। वसूली करने वाले विभाग के कर्मी या पदाधिकारी नहीं होते, बल्कि असामाजिक तत्व होते हैं। जो धमकाते हुए ऑन स्पाॅट पेमेंट की मांग करते हैं, एक दिन की मोहलत नहीं देते। सिर्फ रसूखदार लोगों को कुछ खर्चा पानी के बदले यह सुविधा मिल जाती है। इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि बैंक बंद है या उपभोक्ता परेशान है। उनको किसी स्तर पर कार्रवाई होने का खौफ नहीं क्योंकि वे विभाग के कर्मी नहीं होते। ऐसे समय में जेई, से एसई तक किसी का फोन नहीं उठाते। आम आदमी थाना, कोर्ट कचहरी से बचना चाहता है, जिसका ये खुल कर फायदा उठाते हैं।

 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हर घर अबाध बिजली के नाम पर तकनीकी रूप से बिजली नहीं पहुंचाने जैसे कुकृत्य करने में लगे हैं। बिजली के पोल से घर तक बिजली पहुंचाने की जिम्मेदारी विद्युत विभाग की होने के बावजूद मात्र सिंगल फेज कनेक्शन देकर वसूली किया जाता है। जिले भर में अधिकांश पोल पर अर्थिंग वायर है ही नहीं। इस बाबत शिकायत सुनने वाला कोई अधिकारी नहीं है।

श्री राय ने कहा कि अगर सुपरिटेंडिंग इंजीनियर, एक्सक्यूटिव इंजीनियर या जूनियर इंजीनियर से शिकायत करने की कोशिश की जाय तो ये सरकारी नंबर पर काॅल भी नहीं उठाते। मगर दलाल और माफिया का फोन तुरंत उठाते हैं। प्राय: ऑफिस में भी उपलब्ध नहीं होते। केवल दलालों के बल पर बिचौलियों के सहयोग से लूट कर सिलसिला जारी है।

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