बच्चों की जान से खिलवाड़ आंगनबाड़ी केंद्र की हालत दयनीय छत गिरने का खतरा

बच्चों की जान से खिलवाड़ आंगनबाड़ी केंद्र की हालत दयनीय छत गिरने का खतरा

जे टी न्यूज, समस्तीपुर (बिहार): समस्तीपुर जिले के उजियारपुर थाना क्षेत्र स्थित लोहागीर पंचायत के वार्ड नंबर 2 में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 73 बच्चों के लिए पोषण और शिक्षा केंद्र कम, खतरे का घर ज्यादा बन गया है। इस केंद्र की हालात ऐसी है कि यहां पढ़ने वाले छोटे बच्चों की जान पर हर दिन खतरा मंडरा रहा है। केंद्र की छत पूरी तरह जर्जर है, एलवेस्टर की टूटी-फूटी चादरों के ऊपर फूस व ईकड़ी डालकर किसी तरह काम चलाया जा रहा है। छत किसी भी समय गिर सकती है, जिससे बड़े हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

ना पानी, ना सुरक्षा – बच्चों को रहना पड़ता है जोखिम में*

आंगनबाड़ी केंद्र पर पीने के पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। बच्चों के लिए पानी पास के घरों से बाल्टी में लाकर उपलब्ध कराया जाता है। वहीं, केंद्र की खिड़कियाँ खुली और टूटी हुई हैं, जिससे सांप-बिच्छू जैसे जहरीले जीवों के अंदर घुसने का खतरा बना रहता है।

लगभग 40 बच्चों के नामांकन वाले इस केंद्र में, अब अधिकांश बच्चों के अभिभावक डर के कारण उन्हें भेजने से बच रहे हैं। जो बच्चे आते भी हैं, वो भय के साये में केंद्र में समय बिताते हैं। शिकायतों पर नहीं मिला समाधान, अब मीडिया बनी आख़िरी उम्मीद*

केंद्र की संचालिका ने बताया कि स्थानीय मुखिया, सरपंच, जनप्रतिनिधियों और कई अधिकारियों को कई बार लिखित और मौखिक शिकायत दी गई है, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला है – कार्यवाही आज तक नहीं हुई।

अब आंगनबाड़ी कर्मियों और ग्रामीणों को उम्मीद है कि मीडिया के माध्यम से उनकी बात सरकार और ज़िला प्रशासन तक पहुंचे और इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान किया जाए।

प्रशासन से सवाल – क्या किसी बड़ी अनहोनी के इंतजार में है सिस्टम?*

अब सबसे बड़ा सवाल यही है – क्या प्रशासन तब जागेगा जब कोई हादसा हो जाएगा? या फिर समय रहते कोई ठोस कदम उठाया जाएगा?

बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा यह मामला अब सिर्फ पंचायत या प्रखंड स्तर का नहीं रहा, बल्कि ज़िले और राज्य स्तर के अधिकारियों को इसमें तत्परता से संज्ञान लेना चाहिए। वरना यह लापरवाही किसी मासूम की जान पर भारी पड़ सकती है!

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