आदिवासी स्वास्थ्य व अनुसंधान के लिए एम्स दिल्ली में उन्नत केंद्र की स्थापना

आदिवासी स्वास्थ्य व अनुसंधान के लिए एम्स दिल्ली में उन्नत केंद्र की स्थापना जे टी न्यूज, दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई,2023 को 2047 के अंत तक सिकल सेल एनीमिया को देश से मिटाने का संकल्प लिया था।* प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय अन्य संबंधित विभागों के साथ मिलकर इस बीमारी के उन्मूल प्रयास है जो देश में आदिवासी समुदायों को सामाजिक न्याय प्रदान करने का एक आंदोलन है* विनोद कुमार सिंह,स्वतंत्र पत्रकार
नई दिल्ली – 21 जुन 25 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 जुलाई, 2023 को सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करने के लिए शहडोल,मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय मिशन का शुभारंभ किया था।जनजातीय कार्य मंत्रालय (एमओटीए)जनजातीय जनसंख्या के बीच जागरूकता पैदा करने वाली गतिविधियों के माध्यम से मिशन में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय(एमओएचएफडब्ल्यू) का सहयोग कर रहा है इसलिए प्रतिवर्ष 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस के रूप में मनाया जाता है,जिसका उद्देश्य लोगों को इस रोग,इसके प्रभाव और शीघ्र निदान और प्रबंधन के महत्व के बारे में जागरुक करना है।विश्व सिकल सेल दिवस” के अवसर पर एम्स दिल्ली में केन्द्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके केअनुसार अब खतरनाक रोग सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करने में धन की कोई कमी नहीं होगी।देश से इस बीमारी को समाप्त करने के लिए अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई,2023 को 2047 के अंत तक सिकल सेल एनीमिया को देश से मिटाने का संकल्प लिया था। प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय अन्य संबंधित विभागों के साथ मिलकर इस बीमारी के उन्मूलन के लिए जांच,परीक्षण और अन्य आवश्यक कार्य पूरा करने वाला है।यह न केवल चिकित्सक समुदाय के लिए एक चुनौती है,बल्कि देश में आदिवासी समुदायों को सामाजिक न्याय प्रदान करने का एक आंदोलन भी है।इस दौरान राज्यमंत्री ने सिकल सेल एनीमिया के मरीजों और उनके परिवारजनों से भी बातचीत की।देश के विभिन्न हिस्सों से लोग वर्तमान में दिल्ली में रह रहे हैं और इलाज करा रहे हैं।मंत्री महोदय ने उन्हें केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।विश्व सिकल सेल दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए जनजातीय कार्य सचिव विभु नायर ने कहा किसिकल सेल और एनीमिया से पीड़ित रोगियों को प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने देशभर के एम्स सहित 15 तृतीयक देखभाल अस्पतालों में सक्षमता केंद्र(सीओसी)शुरू किए हैं तथा इस वर्ष नवंबर माह के अंत तक कार्य करना शुरू कर देगा और रोगियों को जल्द ही निदान के साथ-साथ परामर्श सुविधाएं भी मिलेंगी।ये सीओसी एससीडी के अत्याधुनिक निदान और प्रबंधन प्रदान करते हैं, जिसमें प्रसव-पूर्व निदान भी शामिल है। एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. (प्रो.) एम. श्रीनिवास ने पहले ही जनजातीय लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति अपने संस्थान की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।सचिव ने कहा कि नई दिल्ली स्थित एम्स में आदिवासी स्वास्थ्य पर एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ संदर्भ केंद्र स्थापित किया जा सकता है,जो विभिन्न राज्यों और जिलों में आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों को सहायता प्रदान कर सकता है,भारत में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है,इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने एक औषधि विकास पुरस्कार स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है जो 1 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक हो सकता है,ऐसे केंद्र नई दिल्ली स्थित एम्स के सहयोग से स्थापित किए जा सकते हैं।सिकल सेल रोग(एससीडी) के प्रबंधन के लिए आज केवल एक ही दवा उपलब्ध है।वर्तमान में किसी रोगी के प्रबंधन के लिए उसकी शारीरिक स्थिति और रोग की गंभीरता के आधार पर दवाओं के विकल्पों से दवा का चयन करने का कोई विकल्प नहीं है।गर्भावस्था,अन्य गंभीर चिकित्सा स्थितियों आदि जैसी विशेष स्थितियों में यह समस्या और भी बढ़ जाती है।इसलिए रोग के प्रबंधन के लिए एक नई दवा/दवाओं के विकास की तत्काल आवश्यकता है। मंत्रालय एम्स दिल्ली के सहयोग से दवा विकास के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित करेगा।

Related Articles

Check Also
Close
Back to top button