यूआर कॉलेज में पीजी की पढ़ाई की कोई व्यवस्था नहीं  कॉलेज से पलायन करना छात्र-छात्राओं की विवशता बनी

यूआर कॉलेज में पीजी की पढ़ाई की कोई व्यवस्था नहीं  कॉलेज से पलायन करना छात्र-छात्राओं की विवशता बनी

रिपोर्ट: राजेश कुमार वर्मा (जे०टी०न्यूज)

समस्तीपुर (जे०टी० न्यूज) । समस्तीपुर जिले के रोषड़ा अनुमंडल मुख्यालय के एकमात्र अंगीभूत यूआर कॉलेज रोषड़ा में आज भी पीजी की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है। इसके कारण स्नातक उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को जिला मुख्यालय व अन्य स्थानों में पीजी की पढ़ाई के लिए नामांकन कराना पड़ रहा है। छात्रों को तो कम परेशानी झेलनी पड़ती है, लेकिन दूरदराज गांव में रहने वाली छात्राओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। चाहकर भी कई छात्राएं पीजी की पढ़ाई नहीं कर पाती हैं। यही स्थिति व्यावसायिक शिक्षा की भी है। अब तक इस कॉलेज में व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है। बताते चलें कि पीजी व व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई प्रारंभ करने की मांग छात्र संगठनों द्वारा वर्षो से की जा रही है। कई बार छात्रों के आंदोलन के बीच आश्वासन तो अवश्य मिला लेकिन, आज तक इस ओर किसी ने ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। यूआर कॉलेज में पठन-पाठन व्यवस्था पर नजर डालें तो विभिन्न विषयों में शिक्षकों के स्वीकृत 29 में से 6 पदों पर ही मूल शिक्षक कार्यरत हैं। बाकी के 23 पद कई वर्षो से खाली पड़े हैं। हालांकि इस बीच अतिथि शिक्षक के रूप में 8 प्रोफेसर ने अपना योगदान दिया है। बावजूद आज भी इतिहास, हिन्दी व राजनीति शास्त्र के एक भी शिक्षक नहीं हैं। जिसके कारण इन विषयों में छात्रों को पठन-पाठन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सक्षम छात्र तो कोचिग और ट्यूशन के सहारे पढ़ाई पूरी कर लेते हैं। लेकिन, गरीब किसानों के बच्चों को समूचित शिक्षा नहीं मिल पा रही है। इसी प्रकार कॉलेज में शिक्षकेत्तर कर्मियों की काफी कमी है। साथ ही सुविधाओं का भी घोर अभाव है। विगत वर्ष रोसड़ा पहुंचे कुलपति द्वारा सभी समस्याओं के निदान का आश्वासन अवश्य दिया गया, लेकिन आज तक अतिथि शिक्षक के अलावा कुछ मिल नहीं सका है।कहते हैं छात्र-छात्राएं विभिन्न विषयों में शिक्षकों की कमी के कारण कला की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इंटर कला के छात्र- छात्राओं को उन विषयों की पढ़ाई के लिए महंगे ट्यूशन या कोचिंग का सहारा लेना पड़ रहा है।
अविनाश कुमार का कहना है की अनुमंडल मुख्यालय में पीजी की पढ़ाई नहीं होने के कारण वह स्नातक के बाद पढ़ाई नहीं कर सका। जिसका आज भी मलाल है। पीजी की पढ़ाई अविलंब शुरू होनी चाहिए। जिससे गरीब छात्र – छात्राओं को आगे यह समस्या नहीं झेलनी पड़े। समस्तीपुर से राजेश कुमार वर्मा

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