समय पूर्व नालों की सफाई नहीं होने से पूरा शहर हुआ जलमग्न ,आवागमन हुआ प्रभावित।
जे टी न्यूज़, बेतिया-: बेतिया नगर निगम की स्थिति ऐसा होना कोई नई बात नहीं है, इसके पूर्व भी विगत कई वर्षों से इस बरसात के मौसम में यही स्थिति बनी रहती है, फिर भी इन नगर निगम के पदाधिकारियों की आंख नहीं खुलती है ,सफाई के नाम पर केवल खाना पूर्ति होती है ,और केवल पैसे की बंदरबांट विगत कई वर्षों से हो रही है बड़े-बड़े नालो एवं नालियों की सफाई /उडाही का काम, फरवरी-मार्च- अप्रैल महीने में निश्चित तौर पर हो जानी चाहिए थी ,मगर इस बेतिया नगर निगम में आपसी रंजिश, आपसी खींचतान, कमीशन बाजी एवं वर्चस्व की लड़ाई में ,बेतिया वासियों का टैकस से लेकर कमीशन का बंटवारा होता है, कागजी खानापूर्ति करके राशि का बंदरबांट कर लिया जाता है, इसका मुख्य कारण यह है कि नगर निगम की ऑडिट का नहीं होना, इन सब बीमारियों का जड़ है ,ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद भी घपला करने वालों पर कोई कार्यवाही नहीं होती है, जिसके कारण इन घपला करने वाले कर्मियों का मनोबल बढा रहता है, इसके पीछे नगर निगम के पदाधिकारियों का भी हाथ है, कमीशन बाजी के चक्कर में, नगर निगम के इन घपलाबाज व चोर कर्मियों को संरक्षण दिया जाता है।यही कारण है कि इस पहली मानसून की पहली बरसात में ही पूरा का पूरा नगर निगम क्षेत्र जलमग्न सा हो गया है। करोड़ों के सफाई संसाधन रहते एक सक्षम नेतृत्व के अभाव नगर निगम प्रशासन असहाय नजर आ रहा है। शहर के सभी 39 वार्डों में जल जमाव होने की समस्या वर्षों से चली आ रही है,बीते साल स्थिति कुछ ठीक थी, नाले नालियों के कीचड़ के साथ निकली सड़ांध वाली गंदगी लोगों को परेशान नहीं करती थी, किसी भी रोड या मुहल्ले में जल जमाव का दृश्य दिखते ही सफाई का काम होने लगता था,आज के लूटतंत्र में शामिल हुये उन
बड़बोले लोगों की आज बोलती बंद है। नगर निगम की स्थिति पर नजर डाली जाए तो यह बातें सामने आ रही हैं कि 87 लाख की डेढ़ दर्जन योजनाओं की आड़ में नगर निगम में 2 माह से राशि लूटने का काम हो रहा है, और बंदरबांट करने की होड़ मची हुई है, सुचारू रूप से जल निकासी के नाम पर इस वर्ष लगभग 87 लाख की डेढ़ दर्जन योजनाओं के नाम पर नगर निगम में 2 माह से लूट मची हुई है, पहली बरसात में ही,मीना बाजार, लाल बाजार, नया बाजार, सहित निगम क्षेत्र के प्राय सभी मोहल्ले तालाब में तब्दील हो गए थे, जबकि शहरी क्षेत्र से सुचारू जल निकासी के नाम पर अब तक लाखों का बंदरबांट हो चुका है, योजनाओं की सूची जारी होने के बाद, यह पता चला है कि योजनाओं की सूची पर सिटी मैनेजर ,राजीव रंजन सिंह,के स्तर से गोइंग ऑन जैसी टिप्पणी11 मार्च 2021 की तारीख में दर्ज है ,उन्होंने बताया कि जल निकासी के नाम पर उगाही व लूट खसोट ,बंदरबांट के जारी खेल की जिलाधिकारी के स्तर से उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए ,तभी जाकर वस्तु स्थिति की सच्चाई सामने आ जाएगी।
पश्चिम चंपारण को नगर निगम बेतिया के कार्यालय पर पैनी नजर रखनी चाहिए, क्योंकि यहां लूट खसोट, बंदरबांट, आपसी खींचतान, वर्चस्व की लड़ाई, कमीशन बाजी का बाजार गर्म है, इसी चक्कर में शहर की सफाई में बड़े बड़े नालों की सफाई नहीं होने के कारण ही, इस पहली बरसात में ही सफाई का पोल खोल कर रख दिया है। इस बेतिया शहर में कोई ऐसी जगह नहीं है जहां जलजमाव की स्थिति नहीं बनी हुई है, चाहे वह सरकारी कार्यालय हो, चाहे प्राइवेट घर हो, सभी जगह जलमग्न की स्थिति बनी हुई है, इसको देखते हुए, जिला पदाधिकारी, पश्चिम चंपारण को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, साथ ही बेतिया नगर निगम कार्यालय को सील करके,केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की जांच एजेंसी से,विधिवत जांच करानी चाहिए ताकि वस्तुस्थिति सामने आसके।