जिलाप्रशासन के कारनामे: कोरोना संकट के नाम पर कितनी राशि खर्च कर दी,कोई हिसाब नहीं

आखिर इसकी जवाबदेही किसकी होगी, जिलापदाधिकारी क्यों है मोन?

कहीं सरकारी खजाने को खाली करने का खेल तो नहीं?

जेटीन्यूज
बक्सर:

कोरोना आपदा के एक माह से ज्यादा गुजर जाने के बावजूद अभी तक जिला प्रशासन के पास क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के खर्चों का हिसाब नहीं है. सूबे के अन्य जिलों में जहां प्रति व्यक्ति खर्च का हिसाब पूर्व में ही निर्धारित कर दिया गया है l

वहीं, बक्सर जिले में अधिकारियों को यह तक नहीं पता कि, अब तक उन्होंने कोरोना संकट के नाम पर कितनी राशि खर्च कर दी? ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आपदा के नाम पर दोनों हाथों से सरकारी खजाने को खाली किए जाने का कार्य हो रहा है.

बताया जा रहा है कि, बक्सर में विभिन्न पंचायतों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. इसके अतिरिक्त जिला मुख्यालय में भी विभिन्न होटलों में संक्रमण के संदिग्ध लोगों को रखा गया है. नगर के विभिन्न होटलों और मैरिज हॉल को कोरोना संदिग्ध मरीजों को रखने के लिए चयनित किया गया है.

बताया जा रहा है कि, सभी क्वॉरेंटाइन लोगों को दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाली सामग्रियों के साथ-साथ भोजन आदि का भी बेहतर प्रबंध करने का निर्देश सरकार से प्राप्त हुआ है. जिसके आलोक में बक्सर में भी क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों को दैनिक उपयोग की चीजें यथा-साबुन, पेस्ट, टूथब्रश, गमछा, साड़ी आदि का एक किट प्रदान किया जा रहा है.

इसके अतिरिक्त उनके भोजन आदि के लिए हलवाई के माध्यम से भोजन का प्रबंध भी कराया जा रहा है. साफ-सफाई सुरक्षा आदि के इंतजाम भी किए गए हैं. ऐसे में प्रति व्यक्ति खर्च का हिसाब बजी होना आवश्यक है लेकिन, प्रशासन के पास इसकी कोई जानकारी नहीं है.

इस संदर्भ में जानकारी लेने के लिए एडीएम चंद्रशेखर झा से बात की गई. उन्होंने बताया कि, प्रति व्यक्ति जरूरी सामानों की जो कि किट प्रदान की जा रही है उसकी कीमत तकरीबन 600 रुपये है. हालांकि, भोजन आदि का खर्च वह नहीं बता सके. कुल क्वॉरेंटाइन सेंटरों की संख्या भी उन्हें नहीं मालूम है.

हालांकि, उन्होंने बताया कि व्यापक क्षमता के क्वॉरेंटाइन सेंटर सभी प्रखंडों में बनाए जा रहे हैं. आपदा के प्रभारी प्रभात कुमार से बात करने पर वह भी बहुत कुछ बता नहीं सके. उन्होंने इस बात का भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया कि, जिले में कुल कितने क्वॉरेंटाइन लोगों पर प्रतिदिन कितने रुपये का खर्च सरकारी खजाने से किया जा रहा है?

आपदा विभाग के कर्मियों से पूछताछ करने पर उन्होंने भी अनभिज्ञता जाहिर करते हुए बताया कि, अंचलाधिकारी इस संदर्भ में कुछ बता सकते हैं इसके बाद अंचलाधिकारी से दूरभाष पर की गई बातें उन्होंने बताया कि, क्वॉरेंटाइन सेंटर में पहुंचने वाले हर व्यक्ति की छोटी से बड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए आपदा विभाग से प्राप्त राशि को खर्च किया जा रहा है. लेकिन, यह बताना संभव नहीं है कि, अभी तक कुल कितनी राशि का व्यय हुआ है?

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