राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा …

नए आर्थिक पैकेज, व नए रूप में शुरू होगा लॉक डाउन 4

संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पूरी दुनिया चार महीने से लड़ रही है

आखिरकार लॉक डाउन पार्ट 4 18 मई से होना तय

देश में हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं।

जेटी न्यूज़

संजीव मिश्रा

नई दिल्ली:
लॉकडाउन के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकबार फिर देश को संबोधित किए। राष्ट्र के नाम अपने संबंधन में उन्होंने कई बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है।

आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि सवाल यह है कि आखिर भारत कैसे बुहत अच्छा कर सकता है? इस सवाल का भी उत्तर है, 130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प।

अपने संबोधन के शुरुआत में प्रधानमंत्री ने कहा कि एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है। लेकिन थकना, हारना, टूटना-बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए, ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है।

प्रधानमंत्री के संबोधन की अहम बातें:
जब हम इन दोनों कालखंडो को भारत के नजरिए से देखते हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी है। विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है- “आत्मनिर्भर भारत”।

एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं। इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है।

जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं।

विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन, आशा की किरण नजर आता है। भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है।

भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता। भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है।
जो पृथ्वी को मां मानती हो, वो संस्कृति, वो भारतभूमि, जब आत्मनिर्भर बनती है, तब उससे एक सुखी-समृद्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है।

जब भारत खुले में शौच से मुक्त होता है तो दुनिया की तस्वीर बदल जाती है। टीबी हो, कुपोषण हो, पोलियो हो, भारत के अभियानों का असर दुनिया पर पड़ता ही पड़ता है।
इंटरनेशनल सोलर अलायंस, ग्लोबर वॉर्मिंग के खिलाफ भारत की सौगात है। इंटरनेशनल योगा दिवस की पहल, मानव जीवन को तनाव से मुक्ति दिलाने के लिए भारत का उपहार है।

उन्होने अपने संबोधन में आर्थिक पैकेज की भी घोषणा की। साथ ही अंत मे उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि 18 तारिक से लॉक डाउन 4 एक नए अंदाज में लागू होगी। उसकी घोषणा 18 तारिक के पहले कर दी जाएगी ।

ज्ञात हो कि इससे पहले झंझट टाइम्स ने सबसे पहले लॉक डाउन पार्ट2,3,4, की बात कही थी जो सच साबित हुई। अब देखना यह है कि 18 के पहले क्या घोषणा होती है,कितना छूट लोगों को मिलता है आने वाला वक्त ही तय करेगा ।

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