*रेलवे कर्मियों के विभिन्न अधिकारों व भत्तों को समाप्त करना मोदी सरकार को पड़ेगा महंगा:संजीव मिश्रा*9431406262
*ईस्ट सेंट्रल इम्प्लाइज यूनियन ने केंद्र सरकार के जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध लगाये नारे*
जेटी न्यूज
दरभंगा::-रोना संक्रमण के इस दौर में केंद्र सरकार के श्रम एवं श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियन ने दरभंगा रेलवे स्टेशन परिसर स्थित सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आहूत विरोध दिवस के सक्रिय समर्थन में बाबूलाल पासवान की अध्यक्षता में बड़ी संख्या में रेल कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन जताते हुए डी ए/डी आर पर रोक लगाए जाने तथा रेलवे के निजीकरण के साथ-साथ रक्षा उत्पादन इकाईयों में 74%और अन्य सेक्टरों में भी निजी निवेश की मंजूरी के विरोध में नारे लगाए।
विरोध प्रदर्शन सभा को संबोधित करते हुए ट्रेड यूनियन के संयुक्त सचिव संजीव मिश्रा ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार मजदूर – जनविरोधी मानसिकता से लबालब है। जहां सरकारी कर्मियों के विभिन्न अधिकारो व भत्तों को समाप्त करने का कार्य किया जा रहा है।
सत्तादल के चाटुकार उद्योगपतियों के लिए तमाम नियमों को ताख पर रख संवैधानिक हकूकों की लूट की छूट देने से सरकार बाज नहीं आ रही है। चाटुकार उद्योगपतियों के हांथो हाथों तमाम संसाधनों को लुटाया जा रहा है। कोरोना के कहर में भी रेल एवं रेलवे कर्मचारियों ने निष्पक्ष रूप से 24 घंटे रेलवे को सेवा प्रदान कर कोरोना योद्धा के रूप में कार्य कर रहे है।
ऐसी परिस्थिति में डी ए/डी आर को रोकना, चोरी-चोरी निजीकरण करना,भत्तों में कटौती करना तथा उन्हें 50 लाख बीमा कवरेज नहीं देना सरासर मौलिक अधिकारों का भी हनन है। श्री मिश्रा ने कहा कि सभी रेल परिवार के विरुद्ध सरकार की हठधर्मिता चरम पड़ है। ऐसे में वर्तमान सत्ताधारी सरकारी फेडरेशनें (ए आई आर एफ / एन एफ आई आर) एवं यूनियन (कर्मचारी यूनियन)की सहभागिता रही है। वे कहीं भी विरोध नहीं कर रही हैं।
इस परिस्थिति में ई सी आर ई के द्वारा कर्मचारी हितों के लिए संघर्ष करना पहली प्राथमिकता है। सभा में शाखा सचिव कैलाश पासवान, जगन्नाथ साहु, प्रमोद कुमार,नरेश पासवान एवं मनोज कुमार ने भी अपने पक्ष रखें।