*विधायकों ने वित्त रहित शिक्षक कर्मियों को दिखाया आईना*

जेटी न्यूज।

समस्तीपुर::- बिहार के वित्त रहित शिक्षक कर्मियों का विधायकों को घेरने का कार्यक्रम जिले में चल रहा है। इसी क्रम में समस्तीपुर के आरजेडी विधायक एवं मोरवा विधानसभा के जदयू विधायक को शिक्षक का एक प्रतिनिधि मंडल उनके आवास पर घेराव किया।

विपक्ष के विधायक ने उन्हें अपना मजबूरी बताकर पल्ला झाड़ लिया परंतु जदयू के विधायक ने वित्त रहित कार्मिकों से कहा कि अपना कल्याण चाहते हैं तो प्राचार्य और सचिव का मेरे जैसे घेराव करें ताकि आप लोगों के समस्या का समाधान जल्द से जल्द हो सके। माननीय विधायक ने कहा कि सरकार के आदेश का पालन जब तक नहीं होगा तब तक सरकार समस्या का समाधान नहीं कर सकेगा।

विधायक ने शिक्षक प्रतिनिधियों से कहा कि आप लोग जैसे प्रोफ़ेसर की हालात इसलिए नहीं सुधर रहा है कि आप उचित बात संस्था में नहीं रखते हैं और सारे में प्रोफ़ेसर हरि राय, प्रोफ़ेसर ब्रजमोहन सारस्वत, प्रोफ़ेसर विजय कुमार झा, सीनेट सदस्य प्रोफ़ेसर शील कुमार राय ने कहा कि समस्याओं के जड़ आप लोग हैं जब जीकेपीडी के प्रोफ़ेसर ब्रजमोहन शाश्वत कुछ बोलने का साहस किए तो विधायक ने कहा कि आप चुप रहें,

परीक्षा में आप क्या करते हैं इस बारे में जगजाहिर है। साथी प्रोफ़ेसर सत्यनारायण ठाकुर कुछ बोलना चाहे तो उन्होंने कहा कि सरकार के नियमों के अनुसार शिक्षक एवं कर्मचारियों का भुगतान होता है क्या? इतना सुनते ही ब्रज मोहन सास्वत, हरि राय और सतनारायण ठाकुर की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई।

जबकि विधायक ने बारी-बारी से अन्य प्रोफेसरों से परिचय करते हुए समस्या जानना चाहा तो संत कबीर महाविद्यालय के प्रोफ़ेसर शील कुमार राय शिक्षा प्रतिनिधि कुछ कहना चाहे तो प्राचार्य को घूसा मारने की बात विधायक ने कहीं तो शील कुमार राय की बोलती बंद हो गई। जब के एस कॉलेज सरायरंजन की बारी आई तो शिक्षक नेता एवं सीनेट सदस्य विजय कुमार झा ने अपनी समस्या और कुछ बोलने की प्रयास किया तो विधायक ने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए l

अनुदा की राशि का वितरण सचिव, प्राचार्य, शासी निकाय नियमानुसार की तो विजय कुमार झा की बोलती बंद हो गई और विधायक ने कहा शासी निकाय में मैं भी एक प्रतिनिधि था मुझे पता है। अंत अंत तक विधायक ने मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही कार्रवाई को जमीनी स्तर पर जब तक सचिव और प्राचार्य शासी निकाय लागू नहीं करता है तब तक समस्या का समाधान सरकार के लिए असंभव है।

मिलाजुला कर यह कहा कि प्राचार्य और सचिव का ही घेराव आप लोगों को करना होगा तब जाकर समस्या का समाधान होगा। विधायक ने तमाम प्रोफ़ेसर को अच्छी तरह धो दिया जो चर्चा का विषय बना हुआ है।

वाह रे! हमारे सुबे की शिक्षा व्यवस्था?

वाह रे! हमारे सुबे के विधायक?

विधायकों और मंत्रियों को चाहिए समय पर वेतन लेकिन हमारे शिक्षाकर्मियों को चाहिए 12 वर्ष पर। धन्य हो गई हमारे राजेंद्र बाबू की धरती। धन्य धन्य बिहार।

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