क्यों नही राजधानी पटना का भार कम करने पर विचार करे प्रदेश सरकार।

मानसून के प्रवेश करते ही राजधानी पटना की वही स्थिति जो पिछले वर्ष थी

सरकार ने आजतक पिछले साल के अनुभव से नहीं लिया कोई सबक

सरकार समस्या के समाधान के लिए बिल्कुल भी नहीं है गम्भीर

जेटीन्यूज़
संजीव मिश्रा
बिहार :
मानसून के प्रवेश करते ही हो रही अच्छी बारिश से राजधानी पटना के निवासी सहमे हुए हैं। लोग पिछले साल को याद कर रहे हैं।लोग याद कर रहे हैं कि कैसे पिछले वर्ष बरसात में पटना की सड़कों पर नाव चल रहा था।लोग अपने-अपने घरों में कैद थे,लोगों को भोजन,दवाइयां सहित आवश्यक वस्तुओं के लाले पड़ गए थे।अस्पतालों,कार्यालयों में पानी भरे थे। पटना का करीब 80 फीसदी इलाका जलमग्न था।राजधानी के सम्प हाउस हाथी के दांत बने हुए थे।

एक बार फिर मानसून के प्रवेश करते ही राजधानी पटना की वही स्थिति नजर आ रही है।प्रदेश सरकार के वादे और दावे टाँय-टाँय फिस्स नजर आ रहे हैं।राजधानी के कई इलाकों में जलजमाव नजर आ रहा है।पटना के राजेंद्र नगर,पोस्टल पार्क,रामकृष्ण नगर,राजवंशी नगर,बाजार समिति, दशरथा सहित कई इलाके हैं,जहां जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।स्थिति ये है कि बरसात आते ही लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है और लोग पटना से पलायन करने पर विचार कर रहे हैं।

ऐसा नहीं है कि सरकार को समय नहीं मिला।सरकार शायद पिछले वर्ष जल मग्न हुए पटना को भूल गई और भगवान भरोसे रही।पटना के कई इलाकों में बरसात से पूर्व नालों की उड़ाही नहीं की गई।दरअसल सरकार के पास राजधानी पटना के लिए जल निकासी की सही योजना ही नहीं है। बेतरतीब ढंग से जल निकासी के लिए नाले बने हैं।संप हाउसों के आधुनिकीकरण की नितांत आवश्यकता है।दरअसल सरकार समस्या के समाधान के लिए बिल्कुल भी गम्भीर नहीं है।प्रतिवर्ष राजधानी की आबादी बढ़ती जा रही है।नए-नए घरों की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन जल निकासी की व्यवस्था के लिए सरकार भगवान भरोसे है।

पटना,मात्र एक शहर नहीं है।हमारे प्रदेश की राजधानी है।पटना को एक खूबसूरत शहर होना ही चाहिए।पटना से हम समस्त प्रदेशवासियों का सम्मान जुड़ा है।ये कहना गलत न होगा कि पटना पर आवश्यकता से अधिक भार है।शायद पटना शहर इतना भार सहने योग्य नहीं है।हमारी सरकार को इस पर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए और पटना शहर का भार आसपास के क्षेत्रों में बांट देना चाहिए।पटना एक बहुत ही बड़ा जिला भी है,जिसका क्षेत्रफल काफी अधिक है।पटना जिले के एक-दो छोटे शहरों को नया जिला बना कर पटना का भार कम किया जा सकता है।कई ऐसे कार्यालय हैं जो सिर्फ राजधानी पटना में ही हैं,प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में उनके क्षेत्रीय कार्यालय खोलकर भी पटना के भार को कम किया जा सकता है।ऐसा करने से पटना आने-जाने वालों की संख्या में काफी हद तक कमी आएगी और पटना का भार काफी कम होगा।फिर पटना को हम एक खूबसूरत शहर बना सकते हैं जो हम समस्त प्रदेशवासियों के लिए गर्व की बात होगी।

News Editor :- Neha Kumari

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