आतंक का प्रयाय बने कुख्याय अपराधी विकास दुबे को इनकाउंटर में मारा गया ।

नाटकीय घटनाक्रम में एक दिन पहले गिरफ्तारी देता है, अगले ही दिन यूपी पुलिस इनकाउंटर में मार गिराती है

स्थितियों को देख यही प्रतीत होती है इस इनकाउंटर की स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार थी

एक वरीय अधिकारी ने बयान दिया था कि पुलिस की शहादत बर्बाद नहीं जाएगी

बड़ा सवाल यह कि आज पुलिस वाले मारे गए तो 7 दिन में इनकाउंटर कर मार गिराया जाता है अपराधी को

आखिर अपने 25 साल के इतिहास में नाजाने कितने लोगों की कर चुका है हत्या, तब सरकार पुलिस क्या कर रही थी ?

क्या जब पुलिस वालों की शहादत होती है दर्द तभी समझ आता है,आमलोगों के हत्या का कोई मोल नहीं?

आखिर एक गुंडे को इतनी हिम्मत कहाँ से आती है जो 8 पुलिसकर्मियों को मार गिराता है ?

क्या विकास दुबे के ऊपर हमारे माननीयों का हाथ नहीं होगा ?

क्या वो सफेद पोश जो कोई भी हो अब कभी सामने आ पाएंगे ?

क्या इस बात से इनकार किया जा सकता है कि वरीय अधिकारी विकास दुबे के संपर्क में नहीं रहे होंगे?

हालांकि हैदराबाद इनकाउंटर की तर्ज पर इस इनकाउंटर का भी पूरे देश मे स्वागत हो रहा है,लोगों में खुशी की लहर है

विकास दुबे एक कुख्यात गैंगस्टर था,वो मारा जाता है तो निश्चित रूप से तारीफ के काबिल है

जेटी टाइम्स
संजीव मिश्रा
*नई दिल्ली :* कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी 5 लाख का इनामी विकास दुबे शुक्रवार एनकाउंटर में मारा गया। यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को लेकर जैसे ही कानपुर पहुंची, विकास गाड़ी में सुरक्षाकर्मियों की पिस्टल छीनने लगा। इसी बीच संतुलन बिगड़ने के बाद गाड़ी पलट गई। गाड़ी पलटते ही विकास पुलिस पर फायरिंग कर भागने लगा।

सुरक्षाकर्मियों ने भी अपने बचाव में गोलियां चलाईं। मुठभेड़ में विकास गंभीर रूप से घायल हो गया। सुरक्षाकर्मी उसे लेकर हैलट अस्पताल पहुंचे जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। विकास दुबे के शव का पोस्टमार्टम होने से पहले कोरोना टेस्ट कराया जाएगा।

*एसटीएफ ने जारी अपने बयान में कहा :*

-यूपी एसटीएफ की तरफ जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को सरकारी वाहन से उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था। इसी दौरान कानपुर के सचेंडी थाना के पास एनएच पर अचानक गाय-भैंस का एक झूंड आ गया, जिसे बचाने के लिए ड्राइवर ने गाड़ी को मोड़ा लेकिन वह अनियंत्रित होकर पलट गई। इस दुर्घटना में चार पुलिसकर्मी घायल हो गए और क्षणिक रूप से अर्धचेतन अवस्था में चले गए। इसी का फायदा उठाकर दुर्दांत अपराधी विकास दुबे एक पिस्टल छीनकर भागने लगा।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी के राज में उत्तर प्रदेश ‘अपराध प्रदेश’ बन गया है। प्रियंका का यह बयान कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद आया है। कांग्रेस महासचिव ने यह भी मांग की है कि कानपुर कांड की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से कराई जाए।

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘बीजेपी की सरकार ने उत्तर प्रदेश को ‘अपराध प्रदेश’ में बदल दिया है। विकास दुबे जैसे अपराधी सत्ता में बैठे लोगों की देखरेख में आगे बढ़ रहे हैं और उन्हें बचाया भी जा रहा है। कांग्रेस पूरे कानपुर कांड की जांच सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज से कराने की मांग करती है।

विकास दुबे की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। डिप्टी सीएमओ समेत तीन डॉक्टरों के पैनल और वीडियोग्राफी से कराया जाएगा पोस्टमार्टम। पोस्टमार्टम से पूर्व शरीर में फंसी गोलियों का पता लगाने के लिए शव को एक्सरे के लिए भेजा जाएगा।

विकास की मौत के बाद लगे पुलिस-प्रशासन जिंदाबाद के नारे : विकास दुबे के मारे जाने के बाद घटनास्थल पर
*पुलिस-प्रशासन जिंदाबाद के खूब नारे लगे।*

हजारों लोगों की भीड़ मौके पर यह देखने के लिए पहुंच गई थी कि वो जगह कौन सी है जहां विकास मारा गया।

*टूट गया विकास का गुरूर, बिकरू हुआ भयमुक्त : बिकरू*

गांव में विकास दुबे का आखिरी गुरूर भी शुक्रवार को टूट गया। उसके गांव की तरफ जाने वाली रोड के पहले जो शिलापट लगा हुआ था उस पर उद्घाटन करने मुख्य अतिथि के रूप में विकास का नाम अंकित था। यह वही सीसी रोड थी जिसे विकास दुबे ने बनवाई थी। पिछले कई दिनों से शिलापट न सिर्फ पुलिस को भी चुभ रहा था बल्कि आने-जाने वाले भी तंज कसा करते थे। इसके अलावा भी जहां-जहां उसके नाम के बोर्ड और शिलापट लगाए गए थे, तोड़ डाले गए।

– विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने उसकी पत्नी ऋचा और बेटे को पूछताछ के बाद छोड़ दिया। पुलिस अधिकारी दिनेश कुमार पी ने कहा इस दुस्साहसिक वारदात में ऋचा की कोई भूमिका नहीं मिली है। वारदात के वक्त वह मौके पर नहीं थी।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने टीवी मीडिया के द्वारा कहा कि यह एनकाउंटर फेक है। उन्होंने कहा कि विकास दुबे कई राज खोलने वाला था और राज से राज से पर्दा ना उठे इसलिए पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर किया।

*बिकरू गांव में छाई खामोशी :*

मुठभेड़ में विकास के मारे जाने के बाद बिकरू गांव में भले ही हलचल बढ़ गई है मगर गांव के घरों में अभी भी खामोशी छाई है। लोगों को इस बात की आशंका है कि सर्च ऑपरेशन में किसी का भी घर टूट सकता है।

यूपी एडीजी कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि कार पलटने के बाद विकास दुबे ने पुलिस के हथियार छीनने की कोशिश की और भागने का प्रयास किया जिसके बाद पुलिस द्वारा जवाबी फायर किया गया जिसमें वह घायल हो गया। अस्पताल ले जाने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। हम जल्द ही आधिकारिक बयान जारी करेंगे।

महाकाल का भक्त था, सावन में हल साल कराता था शृंगार: आतंका का पर्याय बना विकास दुबे महाकालेश्वर का भक्त था। घर पर भी रोज 2 घंटे पूजा करता था। इसके साथ सावन के महीने में हर सोमवार को कानपुर के आनंदेश्वर मंदिर में दर्शन करने के लिए जाता था।
कानपुर में गैगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद इस मुठभेड़ में घायल पुलिसकर्मी को लाला लाजपत राय अस्पताल लाया गया है। पुलिस के मुताबिक इस मुठभेड़ में कुल 4 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विकास दुबे के मारे जाने पर कहा है कि कानून ने अपना काम कर दिया है। उन्होंने साथ ही कहा कि यह उन लोगों के लिए खेद और निराशा का विषय हो सकता है जिन्होंने आज विकास दुबे की मौत और कल उसकी गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं। एमपी पुलिस ने अपना काम किया, उसे गिरफ्तार किया और यूपी पुलिस को सौंप दिया।

*विकास के शव को पोस्टमॉर्टम हाउस ले जाने के लिए भारी फ़ोर्स हैलट अस्पताल पहुंची।*

सीने और कमर में लगीं गोलियां : विकास पुलिस की जवाबी कार्रवाई में बुरी तरह जख्मी हो गया था। उसके सीने और कमर में दो गोली लगीं।

– कानपुर हैलट अस्पताल में विकास की बॉडी सील। कोरोना टेस्ट कर बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव
कानपुर के एसपी वेस्ट डॉ. अनिल कुमार ने बताया
पुलिस वाहन पलटने के बाद पुलिस की पिस्टल छीन कर विकास दुबे भागने लगा। एसकार्ट में पीछे लगी गाडिय़ों में तैनात कानपुर एसटीएफ और पुलिस के जवानों ने घेराबंदी की और विकास को सरेंडर करने को कहा, लेकिन वह नहीं माना और पुलिस पर फायरिंग करने लगा। जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से घायल विकास की हैलट अस्पताल में मौत हो गई।

– मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी घायल, उर्सला अस्पताल रेफर
विकास दुबे के साथ हुई मुठभेड़ में नवाबगंज एसओ रमाकांत पचौरी समेत चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। जहां दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी घायल पुलिसकर्मियों को कल्याणपुर सीएससी से उर्सला अस्पलात भेज दिया गया है।

कानपुर शहर से 17 किमी पहले विकास दुबे को ला रहा पुलिस वाहन हल्की बारिश के बीच भौंती हाईवे के पास अनियंत्रित होकर पलट गया।

सारी गहमा गहमी की जानकारी डीजीपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दे दी गयी है । सभी जानते हैं कि योगी सरकार सख्त से सख्त एक्शन लेने के लिए जानी जाती है । योगी सरकार ने यूपी को अपराध मुक्त बनाने का काम सपथ ग्रहण के बाद से ही कर चुके हैं । उनके ख़ौफ़ से कई अपराधी यूपी छोड़ चुके हैं या इनकाउंटर में मार गिराए गए । मुख्यमंत्री के तेवर से साफ हो चुका था कि विकास दुबे की पटकथा लिखी जा चुकी थी ,वो चकमा देकर उज्जयेन पहुच गया,अन्यथा पहले ही इनकाउंटर हो चुका होता । अपराधी विकास दुबे यह जान चुका था कि योगी सरकार अब छोड़ेगी नहीं इनकाउंटर मेरा होगा।इसलिए जीवन के भय से वो 12000 किलोमीटर भागने में इतनी नाकाबंदी के बावजूद सफल रहा। जबकि विकास दुबे के लिए 60 थानों की पूरी टीम लगी हुई थी,एसटीएफ अलग से लगायी गयी थी,बावजूद चकमा देकर नाटकीय ढंग से चकमा देकर गिरफ्तारी देने में कामयाब रहा । किन्तु जिस कानून का सहारा लेकर गुंडा बचना चाहता था उसी कानून की आड़ में यह पटकथा लिखी गयी ।

जेटी की सबसे बड़ी तपतिष की जब 8 पुलिस कर्मियों की मौत होती है तो सरकार व पुलिस पूरी ताकत झोंक देती है, कल्पना कीजिये अपने 25 साल के आपराधिक इतिहास में कितनी हत्याएं कर चुका है विकास दुबे आखिर तब क्यों नहीं इतनी ताकत सरकार ने नहीं दिखाई ना ही पुलिस वालों ने । हालांकि एक मीडिया कर्मी के नाते ये सवाल उठाना सही नहीं होगा हमारे और से,पर सिस्टम की कार्यशैली को समझा जा सकता है । आखिर एक गुंडे को इतनी हिम्मत कहा से आयी की इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे देता है ।

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