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बेगूसराय। स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से प्रधानमंत्री ने देश में जल्द ही कोरोना वैक्सीन आने का लोगों को जो भरोसा दिलाया है उसकी बुनियाद में सैकड़ों वैज्ञानिक हैं और यह वैज्ञानिक रात दिन शोध कार्य में लगे हुए हैं। अब कोरोना वैक्सीन पर शोध कार्य दूसरे और तीसरे चरण में है। देश और दुनिया के लोग कोरोनावायरस से निजात पाने के लिए बेसब्री से वैक्सीन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उक्त बातें दरभंगा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशी ई राम नंदन ने कहीं।

उन्होंने कहा कि पिछले दिन रूस ने विश्व के लोगों को कोरोनावायरस से मुक्ति दिलाने वाली वैक्सीन “स्पूतनिक” को लांच किया और इसकी पहली खुराक रूस की राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी को दी गई।
रूस की सरकार “स्पूतनिक” को सफल बता रही है पर अनेक देशों ने “स्पूतनिक” की विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिया है। यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने “स्पूतनिक” के व्यापारिक प्रयोग को हरी झंडी नहीं दी है और रूस द्वारा निर्मित इस वैक्सीन के शोध कार्य को अपर्याप्त माना है। अमेरिका, इंग्लैंड, चीन सहित अनेक देश जहां कोरोनावायरस के वैक्सीन पर शोध कार्य चल रहा है, उन्होंने रूस के इस वैक्सीन का जमकर विरोध किया है। खासकर चीन, जिसने कोरोनावायरस का दर्द दुनिया को दिया है, कोरोनावायरस की वैक्सीन भी सबसे पहले चीन ही बाजार में उतारना चाहता है।

जहां तक भारत का सवाल है तो यहां “भारत बायोटेक” हैदराबाद में कोरोनावायरस की एक वैक्सीन, जिसका नाम “कोवैक्सीन” (Covaxin) है, पर शोध कार्य कर रही है और अब यह शोध कार्य दूसरे चरण में आगे बढ़ चुका है।

इसके अलावा “सीरम इंस्टीट्यूट”, “ज़ाइडस कैडिला”, “पैनासिया बायोटेक”, “इंडियन इम्युनोलॉजिकल्स”, “मायनवैक्स” और “बायोलॉजिकल ई” आदि कंपनियों के वैज्ञानिक शोध कार्य में लगे हुए हैं और इनमें से अनेक कंपनियों के वैज्ञानिक दूसरे और तीसरे चरण के शोध तक पहुँच गए हैं। भारत के इन वैज्ञानिकों की अनवरत साधना से ऐसा लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब कोरोनावायरस को खत्म करने के लिए भारत कोरोना वैक्सीन को पूरी दुनिया को देने में सफल होगा। भारत की ये कंपनियां जेनेरिक दवा और वैक्सीन निर्माण में विश्व में अग्रणी रही हैं। ये कंपनियां पूर्व में “पोलियो”, “मेनिनजायटिस”, “निमोनिया”, “रोटावायरस”, “बीसीजी”, “मीजल्स”, और “रूबेला” समेत दूसरी बीमारियों के लिए वैक्सीन बनाती रही है। जानकारी के अनुसार “मॉडर्ना” एवं “फायजर” कंपनी कोरोनावायरस की वैक्सीन का तीसरे चरण का परीक्षण मानव शरीर पर कर रही है, जो वैक्सीन निर्माण में सफलता के बेहद करीब है।

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