भारत में किसानों कि हालत चिन्ताजनक

, जेटी न्यूज
पटना ::-भारत सरकार ने दावा किया कि किसानों की आमदनी को दुगुना कर देंगें, लेकिन सरकार की कृषि से संबंधित कथनी और करनी में व्यापक फर्क दिखाई देता हैं। क्योंकि वतर्मान में धान के मुल्य ₹1420 प्रति क्विंटल में सिर्फ ₹80 प्रति क्विंटल की बढोतरी की हैं जवकि लागत को दुगुना कर दिया गया हैं। श्रम मंत्री वंगारूदत्तात्रय ने श्रमिकों की मजदूरी ₹176 से बढ़ाकर ₹350 करने की घोषणा किया है। किसानों को प्रति वषॅ सुखाङ, बाढ़ ,आपदा का शिकार हो रहे हैं भू जल स्तर कम हो जाने के कारण लाखों रूपया समर शेबूल बोरिंग बनाने में लगता हैं ,सारे खचॅ जोङकर देखा जाय तो 2.5 कट्ठा में ₹3350 खर्च आता हैं और आमदनी प्रति 2.5 कट्ठा में ₹3000 का आता है।

पैक्स में सत्यता यह है कि किसान का धान दलाल के कारण सही मूल्य पर नही लिया जाता हैं । यदि सरकार
किसानों को खुशहाल देखना चाहती हैं तो मनरेगा की तरह प्रति किसान को बागवानी के लिए 5 कट्ठा जमीन में काम करने के लिए एक मजदूर के बराबर 350 रूपया दिया जाय , जो पर्यावरण के दृश्य से लाभदायक होगा तथा देश में फसल की भी कमी नही होगी। इज्रायल में उन्नत बिजों को चुनाव चिमटा से चुनकर खेतों में डाला जाता है ,खेतों की सिचांई वैज्ञानिक बिधि दवारा ओश से होता हैं ।हमारे देश में गंगा की धारा बह रही हैं फिर भी पानी के वगैर खेती अच्छी नहीं होती हैं । सरकार अगर सुबिधा प्रदान करें तो धान , गेहूं , मसूर, तथा आलू को फव्वारा सिस्टम द्वारा खेतों की सिचाई करनी चाहिए , जिससे फसल अच्छी होगी ,सङेगी भी नहीं ,जमीन भी नही बैठेगा,पानी की भी वचत होगी। जबकि शहर के कुछ जगहों पर लागू ,लेकिन देश को चलाने के लिए शहर की खेती से नहीं बल्कि गाँव की खेती में सुधार की जरूरत हैं।

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