मिथिलांचल का सर्वांगीण विकास हमारी पहली प्राथमिकता : रामनंदन सिंह 

जेटी न्यूज

बेगूसराय::-

शिक्षक एवं स्नातक विधान परिषद निर्वाचन का अब 1 सप्ताह रह गया है और यहां चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी मतदाता संपर्क अभियान में रात दिन एक कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में 13 तथा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में 16 प्रत्याशी मैदान में हैं जिनके चुनाबी भाग्य का फैसला आगामी 12 नवंबर को होने वाला है। स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 90000 मतदाता 102 बूथों पर आगामी 22 अक्टूबर को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस बार के चुनाव में प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए कम समय मिलने के कारण उन्हें मतदाताओं के बीच पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। चूंकि चुनाव क्षेत्र बेगूसराय, समस्तीपुर, दरभंगा एवं मधुबनी तक फैला हुआ है और इतने बड़े क्षेत्रों में प्रत्याशियों का दौरा चुनौतीपूर्ण कार्य है। वैसे प्रत्याशियों जो पिछले कई माह से चुनावी अभियान में लगे हैं उन्हें कम परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी कड़ी में स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशी रामनंदन सिंह का पिछले 1 साल से जनसंपर्क कार्य चलता रहा है जिससे उनका मतदाताओं से संपर्क कायम हैं। इनके अलावा इनके समर्थक प्रखंड स्तर पर टोली बनाकर घर-घर जाकर मतदाताओं से मिल रहे हैं जिसका सकारात्मक प्रभाव लोगों पर पड़ रहा है। पिछले 4 दिनों से प्रत्याशी रामनंदन सिंह अपने समर्थकों के साथ समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय , रोसरा, हसनपुर आदि जगहों पर मतदाताओं से मिल रहे हैं। रामनंदन सिंह का चुनाबी मुद्दे शिक्षा में बुनियादी बदलाव, स्कूल कोलेजों में संबिदा पर नियुक्त शिक्षकों का स्थायीकरण वित्त रहित शिक्षण संस्थानों को वित्त सहित करने, डिग्रीधारी युवकों को रोजगार से जोड़ने, मिथिलांचल के जल भंडारण क्षेत्र में फार्मिंग खेती, जलाशयों में माछ माखन की खेती को बढ़ावा देने के साथ ही मैथिली भाषा को राज राज की भाषा बनाना शामिल है और यह मुद्दे बुद्धिजीवी मतदाताओं को रास रहे हैं | ऐसी स्थिति में मतदाताओं का स्वत: रूझान रामनंदन सिंह के पक्ष में बढ़ रहा है। चुनाव प्रचार दौरे के क्रम में रामनंदन सिंह ने बताया कि मैं पिछले 1 साल से बुद्धिजीवियों एवं मतदाताओं के संपर्क में रहा हूं इसलिए मुझे मतदाताओं से संपर्क साधने में कठिनाई नहीं हो रही है और मतदाता सहज ढंग से मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मिथिलांचल क्षेत्र उद्योग विहीन रहा है जिससे यह क्षेत्र आजादी के सात दशक बाद भी पिछड़ा हुआ है। मिथिला क्षेत्र को औद्योगिक नक़्शे लाने के लिए स्थानीय उत्पाद पर आधारित उद्योग धंधे को बढ़ावा देना आवश्यक है। अगर मैं जीत कर सदन में पहुचा तो इन मुद्दों को जमीनी स्वरूप देने का काम करूंगा।

Website Editor :- Neha Kumari

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