14 अक्टूबर एम एस पी अधिकार दिवस को सफल बनावे।

 

जेटी न्यूज

 

रवीश कुमार मिश्रा

 

बेतिया(पश्चिम चम्पारण):- अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आहवान पर 14 अक्टूबर एम एस पी अधिकार दिवस को व्यापक रुप से सफल बनाना है ।

 

कानून के अनुसार APMC मंडियों का कंट्रोल किसानों के पास होना चाहिए । अपने फसल में लागत और उस पर मुनाफा का दाम तय करने का अधिकार होना चाहिए । लेकिन वहां भी व्यापारियों ने गिरोह बना के किसानों को लूटना शुरू कर दिया। APMC एक्ट में सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके तहत सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है कि किसानों के माल की खरीद MSP पर हो। अब नए अध्यादेश के जरिये सरकार किसानों के माल की MSP पर खरीद की अपनी ज़िम्मेदारी व जवाबदेही से पूरी तरह से पल्ला झाड़ना चाहती है ।

 

इस एक्ट में यह गारंटी नहीं है कि किसान का माल कंपनी पूरा खरीदेगी और एम एस पी भी देगी। फिर इसमें सवाल यही उठता है कि किसान मेहनत से 100 केला उगाएगा और कंपनी उसके 25 केले को खराब या छोटा बताकर रिजेक्ट कर देगी तो वह किसान कहाँ बेंचेगा..?

 

भंडारण और कालाबाजारी का कानूनी अधिकार व्यापारी और कंपनियों को मिला है।

 

कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग से कंपनियों को खेती करने का अधिकार और बढ़ावा मिला है किसान सिर्फ अपने खेत का मजदूर बनेगा।

 

किसान के लिए इन विधेयकों में कुछ भी नहीं है तो हमारी प्रधानमंत्री तथा उनके भक्तों से कहना है कि आप किसान हितेषी बताकर प्रचार प्रसार ना करें और किसान को इतना नासमझ न समझें। इन अध्यादेश में ना किसान को फसल की MSP मिलने की ग्यारंटी है ना ही पूरी फसलों के बिकने की गारंटी है ।

 

बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव प्रभूराज नारायण राव ने गांव गांव और घर घर में फसल में लागत का डेढ़ गुना दाम हमारा अधिकार है, कि अलख जगाने को कहा है ।

 

प्रभुराज नारायण राव

Website Editor : – Neha Kumari

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