मधुबनी समाहरणालय के समक्ष कार्यपालक सहायकों का धरना पर्दशन आयोजित

जेटी न्यूज मधुबनी

समाहरणालय के समक्ष जिले के सभी कार्यपालक सहायकों ने सेवा स्थायी एवं वेतनमान, मानदेय विषमता के अनुभव की मान्यता, कार्यपालक सहायकों की सेवा निजी एजेन्सी (बेल्ट्रोन) के हाथों सौंपे जाने के पत्र को निरस्त करने सहित आठ सूत्री मांगों के समर्थन में धरना प्रदर्शन किया। बेएसा के जिलाध्यक्ष राजू कुमार राय एवं उपाध्यक्ष अखिलेश कुमार ने कहा कि कार्यपालक सहायक विगत 10 वर्षो से सरकारी कार्य बहुत ही कुशल तरीके से संचालित कर रहे है। अपने आठ सूत्री मांगों के साथ आठ व नौ मार्च को पूरे बिहार सहित जिले के सभी कार्यपालक सहायकों का दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर चले जाने से सरकार के महत्वाकांक्षी योजना राशन कार्ड, जाती, आवासीय, आय, ओबीसी प्रमाण पत्र, एलपीसी प्रमाण पत्र, विधवा पेंशन, वृद्धजन पेंशन, दिव्यांग पेंशन, इंदिरा आवास, लोक शिकायत, मनरेगा, सात निश्चय, आयुष्मान कार्ड, कृषि से संबंधित कार्य, बिजली कार्यालयों, का कार्य पूर्णत: ठप था। जिस कारण से आमजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा। फिर भी सरकार के द्वारा कार्यपालक सहायकों के प्रति सकारात्मक पहल नहीं किया गया। जिस कारण से कार्यपालक सहायकों में आक्रोश व्याप्त है एवं बेमियादी हड़ताल जाने को विवश हो गए हैं।

कार्यकारी अध्यक्ष फकीर कुमार मंडल एवं उपाध्यक्ष नीरज कुमार ने कहा कि सरकार निजी एजेन्सी के हाथों बिक चुकी है। जिस कारण से कार्यपालक सहायकों की सेवा स्थायी करने के विपरित निजी एजेन्सी (बेल्ट्रोन) के हाथों सौंपकर युवाओं के शोषण के साथ-साथ अपनी महत्वाकांक्षी लाभ को पूरा करना चाहती है। बिहार राज्य अरापत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री रमण प्रसाद सिंह ने कहा कि सभी कार्यपालक सहायक स्नातक है एवं कंप्यूटर की दक्षता रखते हैं। कार्यपालक सहायकों के कार्यकौशल से आज पूरा बिहार ऑनलाइन सरकारी कार्यों में अव्वल है। जिस कार्य कौशल की प्रशंसा कर सरकार अपनी पीठ थपथपाती है। इन सभी कार्यो को डिजिटल रूप से लाने वाले कार्यपालक सहायकों का भविष्य उज्जवल करने के बजाय निजी एजेन्सी के हाथों सौंपा जाना न्यायसंगत नहीं है। इस तरह का निर्णय युवाओं के भविष्य को अंधकारमय करने के जैसा है। यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती है तो आंदोलन को और भी तीव्र किया जाएगा।

धरना कार्यक्रम में संजीत कुमार, राजन ठाकुर, सत्यजीत कुमार, पारस ठाकुर, गोपाल चंद्र शशि, एनएन झा, सचिन कुमार, शंकर कुमार, अजय कुमार दत्त, राम उदगार राम, नरेन्द्र कुमार, सचिन कुमार, अविनाश कुमार, आरती कुमारी, गुड़िया कुमारी, रिकू कुमारी मंडल, अस्मिता कुमारी, रितु श्रीवास्तव, नूतन कुमारी, नीरज कुमार झा, खुशबू कुमारी, ममता कुमारी, अनु कुमारी, आभा कुमारी, पूजा शर्मा, सुमन कुमार ने संबोधित किया।

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