*विद्यालयों के प्रधानाध्यापक अपनी मर्जी से चलाते है मध्याह्न भोजन। समाचार संपादक रमेश शंकर झा के साथ नंद कुमार चौधरी की रिपोर्ट, समस्तीपुर बिहार। सब पे नजर, सबकी खबर।*

 

समाचार संपादक रमेश शंकर झा के साथ नंद कुमार चौधरी की रिपोर्ट,
समस्तीपुर बिहार

समस्तीपुर:- जिले के खानपुर प्रखण्ड क्षेत्र के अधिकांश विद्यालयों के प्रधानाध्यापक अपने मर्जी से चलाते मध्याह्न भोजन। इनको न तो किसी अधिकारियों का डर है और न ही किसी जनप्रतिनिधियों का भय। वह खुलमखुल्ला सरकार के आदेशों का अनदेखी करते हैं। कई बार विभागीय अधिकारियों के स्तर से आदेश जारी किया गया, परंतु आज तक उक्त आदेश का पालन नहीं हो सका है।वर्तमान में पुनः मध्याह्न भोजन योजना के राज्य निदेशक विनोद कुमार सिंह अपने पत्रांक 1333 दिनांक 18 जुलाई 19 एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, मध्याह्न भोजन योजना, समस्तीपुर के अवधेश कुमार सिंह ने अपने ज्ञापांक 1070 दिनांक 19 जुलाई 19 द्वारा विद्यालय के प्रधानों को निर्देशित किया है कि छात्र हित में निम्न तालिका को अक्षरसः लागू किया जाय।
इनके निर्देशों के अनुसार 1से 5 तक के वच्चों को 100 ग्राम चावल, 20 ग्राम दाल,50 ग्राम सब्जी एवं 5 ग्राम तेल तथा वर्ग 6 से 8 के बच्चों के लिए 150 ग्राम चावल, 30 ग्राम दाल, 75ग्राम सब्जी एवं 7.5 ग्राम तेल के साथ स्वाद के अनुसार नमक मसाला प्रति छात्र देना है। इतना ही नही बल्कि हर दिन का मेनू भी अलग अलग है जिसके तहद सोमवार को चावल, दाल एवं हरी सब्जी।मंगलवार को चावल एवं सोयाबीन युक्त सब्जी।बुद्धवार एवं शनिवार को हरी सब्जी युक्त खिचड़ी एवं चोखा के साथ मौसमी फल देने का निर्देश है। बृहस्पतिवार को चावल, दाल हरी सब्जी एवं शुक्रवार को पुलाव, चना के साथ साथ एक अंडा भी देना है।सनद रहे कि इस आदेश को किचेन के दीवारों पर अंकित भी करना है। जबकि प्रखण्ड क्षेत्र के अधिकांश विद्यालयों ने इसे अंकित नही किया है।हलाक़े यह आदेश कोई नया नहीं है, परंतु उक्त आदेश का पालन नहीं हो रहा है। अब देखना यह है कि उक्त आदेशों का पालन नही करने वाले प्रधानाध्यापक पर क्या करवाई जा रही है, निर्देशों का अक्षरसः पालन कब तक होगा? साथ ही छात्र को कुपोषण से बचाने की सरकार की इस योजना के लूट खसोट पर कब तक पावंदी लग सकती है?

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