कोविड किचेन घोटाला: सामुदायिक रसोई में हर रोज भोजन कर रहे लोगों के आंकड़े से माले असंतुष्ट

समस्तीपुर: कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकथाम के लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाया गया है। जिससे गरीब असहाय मजदूरों के सामने भूखमरी की संकट न उत्पन्न हो, इसके लिए सामुदायिक रसोई कल्याणपुर प्रखण्ड परिसर में  अवस्थित मध्य विद्यालय में खोला गया है। जिसका नोडल पदाधिकारी अंचल कर्मचारी मीरा कुमारी को बनाया गया है। नोडल पदाधिकारी सामुदायिक रसोई देखने भी नही जाते हैं। हालांकि सामुदायिक रसोई में कार्यरत्त कर्मियों के कथनानुसार प्रतिदिन करीब 500 से 550 से ज्यादा गरीब लोग भोजन करने के लिए पहुंच रहे हैं, जबकि सच्चाई कुछ और ही है। सामुदायिक किचेन में भोजन करने के लिए कल्याणपुर के अलावे  आसपास के गरीब मजदूर वर्ग के लोग सुबह शाम भोजन करने आ जाते हैं।

भोजन करने के लिए ज्यादा संख्या दिन में होती है। भोजन करने के लिए राशन कार्ड धारी से लेकर राशन-कार्ड से वंचित लोग भी आ रहे हैं, जिसमें बच्चों की संख्या ज्यादा होती है। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो कोरोना संक्रमण के भय से भोजन करने के लिए नही जाते हैं। कर्मियों ने बताया कि भोजन करने के लिए सभी गरीब-असहाय लोग ही आ रहे हैं। राशनकार्ड धारियों को पर्याप्त खाद्यान्न नही मिलता है जिससे वह लॉकडाउन में अपना तथा अपना परिवार का बिना मजदूरी किये हुए भोजन करा सके। इसलिए भोजन करने के लिए जो भी आता है, उसे टेबुल कुर्सी पर बैठाकर चावल, दाल, सब्जी दोनो समय खिलाया जाता है।

रसोई की व्यवस्था की मॉनिटरिंग खुद सीओ की जाती है। भोजन करने के लिए पुरुष वर्ग ज्यादा आते हैं। महिलाएं सामुदायिक रसोई में खाने में शर्माती है। जिससे कई ऐसे लोग है जो अपने घर के महिलाओं के लिए भी भोजन लेकर जाते हैं। भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने सामुदायिक किचेन का अवलोकन किया, जिसमें उन्होंने कई अनियमिततायें पाई।

इनके अनुसार सामुदायिक किचेन में भोजन करने के लिए लोग कम जा रहे हैं। प्रतिदिन मात्र 150 से 200 लोग ही जाते हैं। सामुदायिक किचेन के नाम पर कागजों में ज्यादा भोजन करने वालों का संख्या दिखाकर कोविड किचेन घोटाला करने का साजिश रची जा रही है और अंचलाधिकारी सो रहे हैं। इससे लग रहा है कहीं ना कहीं अंचलाधिकारी भी इस घोटाले में संलिप्त हैं।

 

संपादिकृत: ठाकुर वरुण कुमार

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