*9 अगस्त को सभी जिला मुख्यालयों पर गन्ना उत्पादक किसान प्रदर्शन करेगें*

जेटी न्यूज।
रवीश कुमार मिश्रा
बेतिया। बिहार राज्य ईख उत्पादक संघ के बिहार राज्य महासचिव प्रभुराज नारायण राव ने कहा है कि यास तूफान , बाढ़ की विनाश लीला और भारी वर्षा से गन्ना फसल को भारी नुकसान हुआ है । इसका सबसे बुरा प्रभाव पश्चिम चम्पारण , गोपालगंज , पूर्वी चम्पारण , सीतामढ़ी , सिवान आदि जिले के किसानों पर पड़ा है ।
बिहार में सबसे ज्यादा गन्ने की खेती पश्चिम चम्पारण में होती है । यहां कुल 1 लाख 40 हजार हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती है । इस जिले में प्रथम स्थान पर गन्ने की खेती है । इस साल बाढ़ , वर्षा और यास तूफान का ज्यादा असर पश्चिम चम्पारण पर पड़ा है ।

इस प्राकृतिक आपदा के शिकार सभी फसल हुए हैं । लेकिन ज्यादा हिस्सों में गन्ना की खेती होने से गन्ना का ज्यादा नुकसान हुआ है । खेतों में गन्ना सूखे पड़े हैं । जो बच गए हैं । उसमें 70 से 80 % तक नुकसान हुआ है ।

यहीं हाल करीब करीब सभी जिलों में है ।
हम बिहार के मुख्यमंत्री तथा गन्ना मंत्री प्रमोद कुमार से मांग करते हैं कि गन्ने में हुई भारी नुकसान को देखते हुए 30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर हर्जाना दिया जाय । अन्यथा 9 अगस्त को सभी जिला मुख्यालयों पर गन्ना उत्पादकों का विशाल प्रदर्शन किया जायेगा।।

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