*बैरिया किसान महापंचायत का एलान , किसान विरोधी काला कानून वापस लेना होगा*

जेटी न्यूज।
बेतीया/पश्चिम चम्पारण:- संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बैरिया प्रखण्ड पर महापंचायत लगाया गया । महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान महापंचायत के नेताओं ने कहा कि पिछले साढे 4 महीने से दिल्ली के चारों तरफ बॉर्डर पर लाखों किसान धरना दे रहे हैं । 300 से ज्यादा किसान सहादत के जाम पीने को मजबूर हो गए । लेकिन देश कि मोदी सरकार किसानों की बातों को नहीं सुन रही है । जो किसान खेतों में रात दिन मेहनत कर के अनाज पैदा करता है और उस अनाज को पूरे देश की जनता को खिलाता है । आज वह किसान अपनी खेती के लाभकारी मूल्य के लिए साढ़े चार महीने से घर द्वार छोड़कर दिल्ली के बॉर्डर पर धरना पर बैठा हुआ है । उनके साथ साथ देश भर में किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं । आज पश्चिम चम्पारण के बैरिया प्रखंड पर किसानों का यह महापंचायत बतला रहा है कि किसान अपनी खेती को छोड़ने को तैयार नहीं है ।

इसलिए किसान विरोधी तीनों काले कानूनों को मोदी सरकार को वापस लेना होगा और एमएसपी को कानूनी दर्जा देना होगा । इससे कम में किसान मानने को कतई तैयार नहीं है ।
केंद्र सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी 18 सौ 68 रुपए निर्धारित किया । लेकिन नौतन बैरिया प्रखंड के किसानों से पूछना चाहते हैं कि क्या आपको केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी अट्ठारह सौ अड़सठ रुपए प्रति क्विंटल मिला । जवाब था नहीं । तो फिर किसानों को बेवकूफ बनाने का काम केंद्र सरकार क्यों कर रही है। अभी गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी 1975 रुपए प्रति क्विंटल केंद्र सरकार ने निर्धारित किया है । हमें लेना है सरकार से , पश्चिम चंपारण जिला समाहर्ता से , बैरिया प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी से , हम पूछना चाहते हैं सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य 1975 रुपये कहां मिलेगा ।

हम भारतीय जनता पार्टी के विधायकों , मंत्रियों से पूछना चाहते हैं कि सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं का दाम 1975 रुपए हमें चाहिए । वह कहां मिलेगा । अगर जवाब संतोषजनक नहीं मिलेगा , अगर हमारे गेहूं का कीमत सरकारी दर पर नहीं मिलता है तो इसका सीधा जिम्मेदार केंद्र के मोदी सरकार और बिहार सरकार है । इसलिए आज हमें संघर्ष करने की जरूरत है । आज किसान पूरे देश में सड़कों पर उतर चुके हैं । उनकी जमीन देश के कारपोरेट घरानों को देने का कानून बनाया जा चुका है । आवश्यक वस्तु अधिनियम कानून जो पहले से बना हुआ था । उस कानून को समाप्त करके आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी जैसे आलू , प्याज दलहन , तिलहन , चीनी जैसे अत्यंत जरूरी चीजों की जमाखोरी करने की पूरी छूट दे दी गई है । इतना ही नहीं यह कानून कोरोना काल में बनाया गया था । लेकिन अडानी द्वारा बरसों पहले लाखों लाख क्विंटल अनाजों को रखने के लिए गोदाम बनाए जा चुके हैं । यह सारी मिलीभगत कारपोरेट और मोदी सरकार की तरफ से किया जा रहा है । आपको पता है सार्वजनिक उपक्रमों को बेच दिया गया । रेल , भेल , सेल ,बीएसएनएल हवाई जहाज जैसे जनता के पैसे से बने सभी उपक्रम तथा कारखाने मोदी सरकार द्वारा बेच दिए गए । अब मोदी सरकार किसानों की जमीन कारपोरेट के हाथों बेचने को आमादा है । ऐसी स्थिति में जब जमीन नहीं रहेगी तो देश के किसान अपने ही जमीन में खेतिहर मजदूर बनकर आ जाएंगे। इस किसान विरोधी भयंकर साजिश को तोड़ना होगा । इसलिए जब तक यह किसान विरोधी तीनों काले कानूनों की पूरी तरह वापसी नहीं होती है। तब तक यह आंदोलन चलेगा । साथ ही एमएसपी को कानूनी दर्जा देना होगा । क्योंकि यह बहुत स्पष्ट है कि जब सरकार एमएसपी द्वारा अनाजों की खरीदारी नहीं करेगी , तो उसका भंडारण नहीं करेगी , तो सरकार के द्वारा चलाए जा रहे राशन प्रणाली पीडीएस सिस्टम समाप्त हो जाएगा । गांव के गरीब लोगों को सस्ते दर पर राशन मिलता है , बंद कर दिया जाएगा ।

इस गरीब विरोधी भयंकर साजिश के खिलाफ भी हमें सड़कों पर उतरना होगा । तभी जाकर हम अपने हक की रक्षा कर सकते हैं और अपनी भूख को मिटा सकते हैं । इसलिए आज जरूरत इस बात की है कि गांव गांव में किसान गोलबंद हो और भारी संख्या में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा निर्धारित कार्यक्रमों में शामिल हों । महापंचायत की अध्यक्षता बैरिया सरपंच सुनील कुमार यादव और चंद्रिका प्रसाद को अध्यक्ष मण्डल ने की ।
किसान महापंचायत को बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव प्रभुराज नारायण राव , एटक के राज्य नेता ओमप्रकाश क्रान्ति , किसान नेता नंदकिशोर विकल , किसान सभा के अध्यक्ष अशोक मिश्र , जिला सचिव चांदसी प्रसाद यादव , खेतिहर मजदूर यूनियन के जिला मंत्री प्रभुनाथ गुप्ता , बबलू दुबे , लाल बाबू यादव , म हनीफ , प्रकाश वर्मा , ज्वाला कांत दुबे , शंकर कुमार राव , तुलसी शर्मा , बनारसी प्रसाद सरपंच ता
तधवा नंदपुर , काशी साह , अमर सिंह , तारिक अनवर , साफेशर अली , बीरेंद्र राव आदि ने संबोधित किया ।
महापंचायत ने पर्यटन मंत्री नारायण साह द्वारा किसानों में भय फैलाने के लिए एक व्यक्ति द्वारा फोटो खींचने के लिए आक्रोश व्यक्त करते हुए निंदा प्रस्ताव पास किया है ।
प्रभुराज नारायण राव

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