ध्वजारोहण और मशाल प्रज्वलन कर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में मनाया गया स्वर्ण जयंती

ध्वजारोहण और मशाल प्रज्वलन कर
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में मनाया गया स्वर्ण जयंती

जे टी न्यूज
दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के महामहिम राज्यपाल-सह-कुलाधिपति द्वारा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की स्थापना के 49वें वर्ष एवं स्वर्ण जयंती वर्ष के प्रवेश पर्व के उद्घाटन के उपरांत द्वितीय सत्र की शुरुआत कुलपति प्रो० सुरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कुलगीत से हुई। इस अवसर पर वशिष्ट वक्ता प्रो० नीलमणि मुखर्जी ने आज के दिन को अपने कैरियर के गौरवशाली दिन कहा। प्रो० मुखर्जी ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए किए गए प्रयासों की चर्चा की। इस क्रम में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री श्री विनोदानन्द झा एवं श्री केदार पांडेय, पूर्व शिक्षा मंत्री श्री सत्येंद्र नारायण सिंह, ललित बाबू, पंडित हरिनाथ मिश्र तथा डॉ० नागेंद्र झा का कृतज्ञतापूर्वक स्मरण किया।


इस अवसर पर प्रसिद्ध इतिहासकार प्रो० रत्नेश्वर मिश्र ने कहा कि मिथिला प्राचीन काल से ही अनौपचारिक विश्वविद्यालय रहा है। ललित नारायण मिश्र के प्रयास से आधुनिक विश्वविद्यालय स्थापित हुआ। ललित बाबू ने रेल, मिथिला चित्रकला एवं कोशी नहर योजना के विकास में ऐतिहासिक योगदान दिया। प्रो० मिश्र ने कहा कि यह नेटवर्किंग का युग है जिससे जुड़कर विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर प्राप्त कर सकता है।
अध्यक्षीय आसन से उद्गार व्यक्त करते हुए कुलपति प्रो० सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आज विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती वर्ष एवं ललित बाबू के जन्मशती वर्ष का आगाज हुआ है। यह कार्यक्रम वर्ष भर चलेगा जिसके माध्यम से वर्तमान को संवारने और भविष्य का मार्ग तलाशने के कार्य होंगे। आगे कहा कि यह एयरवेज का समय है, हमें बैलगाड़ी की सवारी छोड़नी होगी। हमारा विश्वास है कि अगले वर्ष इस कार्यक्रम की पूर्णाहुति के समय विश्वविद्यालय टेक ऑफ की स्थिति में होगा।


कार्यक्रम का समापन कुलसचिव प्रो० मुश्ताक अहमद के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। इस अवसर पर छात्राओं ने अर्धनारीश्वर ओडिसी नृत्य प्रस्तुत किया। तदुपरांत कुलपति के नेतृत्व में मान्य अतिथियों ने स्वर्ण जयंती ध्वजारोहण और मशाल प्रज्वलन किया।

Related Articles

Back to top button