दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ई कांफ्रेंस का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति ने की

दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ई कांफ्रेंस का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति ने की
जे टी न्यूज

दरभंगा ::आज 11 अगस्त 2021 को विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभाग द्वारा दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय इ-कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह के द्वारा किया गया। इन्होंने अपने भाषण में कहा कि मनोविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय इ-कोन्फ्रेंस का विषय वस्तु मेंटल हेल्थ ड्यूरिंग कोविड-19 पेनडेमिक: इश्यूज एंड इंटरवेंशंस आज के परिवेश में काफी प्रासंगिक है। इस तरह के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। आज संपूर्ण विश्व कोविड-19 के प्रकोप से ग्रसित हैं, जिसमें हमारा शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य काफी हद तक प्रभावित हुआ है। हमारे जीवन शैली में अनेक बदलाव आए हैं। इस परिपेक्ष्य में उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य बेहतर तभी हो सकता है जब हम सभी का मानसिक संतुलन ठीक रहे।

आवश्यकता इस बात की है कि प्रत्येक नागरिक का मानसिक संतुलन कैसे सही रहे, इस दिशा में मनोवैज्ञानिकों की बड़ी भूमिका है। विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रतिकुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा ने अपने भाषण में कहा कि मनोविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित सेमिनार काफी प्रासंगिक है। आवश्यकता इस बात की है कि विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभाग एक काउंसिल सेल की स्थापना करें जिसके द्वारा हमारे कॉलेज एवं विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्या का काउंसलिंग किया जा सके। इस अवसर पर दूसरे विशिष्ट अतिथि मिथिला विश्वविद्यालय के गतिशील कुलसचिव प्रोफेसर मुस्ताक अहमद ने अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन को प्रासंगिक कहा और मनोविज्ञान विभाग से उम्मीद किया कि यह विभाग निकट भविष्य में ही कोविड-19 के कारण मिथिलांचल के लोगों का मानसिक स्वास्थ्य किस प्रकार प्रभावित हुआ है,

इस पर एक विस्तृत शोध करे, जिससे मिथिलांचल के आम जनों को ना केवल मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने का अवसर प्राप्त होगा, बल्कि बेहतर मानसिक स्वास्थ किस प्रकार बेहतर रखा जाए इसमें भी इस शोध की बड़ी भूमिका होगी। उद्घाटन समारोह में समाजिक विज्ञान संकाय के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर गोपी रमण प्रसाद सिंह ने भी अपना विचार प्रकट किया। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर लव कुमार सिंह ने किया। स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ध्रुव कुमार ने प्रस्तुत किया जबकि इ-कॉन्फ्रेंस के थीम पर प्रोफेसर अनीस अहमद ने अपना विचार प्रकट किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ आभा रानी सिन्हा ने किया।
प्रथम तकनीकी सत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर के तीन मनोवैज्ञानिकों ने अपने विचार प्रकट किए। बांग्लादेश के जगन्नाथ विश्वविद्यालय, ढाका के प्रोफेसर अशोक कुमार साहा अपने भाषण में मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याओं को रेखांकित किया और कहा कि इस महामारी के दौरान सोशल सपोर्ट की बड़ी आवश्यकता है जो महामारी से पीड़ित लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने में मदद साबित हो सकता है। वही भूले होरा इंवर्सिटी इथोपिया के डॉक्टर जावेद आलम ने अपने भाषण में कहा कि अफ्रीकी देश विशेष रूप से कई प्रकार के मानसिक समस्याओं से जूझ रहा है। उन्होंने इस बात पर उन्होंने बल दिया कि वैसे व्यक्ति जो कोविड-19 से ग्रसित हुए हैं उनमें कई प्रकार के संवेगात्मक और मनोवैज्ञानिक समस्याएं उत्पन्न हुई हैं, उन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। और इस तरह की समस्या से व्यक्ति कैसे निकल सकता है इसमें मनोवैज्ञानिकों की बड़ी भूमिका हो सकती है।

अंत में नीदरलैंड के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉक्टर आर्नोल्ड हुबर्स ने अपने भाषण में कोविड-19 से ग्रस्तित लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर कैसे बनाया जाए उनके मानसिक रोगों को दूर करने का कौन से उपाय किया जाए, इसकी विस्तृत जानकारी उन्होंने अपने पावर पॉइंट प्रदर्शन के माध्यम से प्रस्तुत किया आज 25 से अधिक शोध छात्रों ने मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर अपना पेपर प्रेजेंटेशन किया। इस मौके पर विभिन्न विभागों, महाविद्यालयो के विभागाध्यक्ष तथा शिक्षक मौजूद थे।

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