आयुष डॉक्टर के भरोसे चलाता है योगापट्टी पीएचसी
आयुष डॉक्टर के भरोसे चलाता है योगापट्टी पीएचसी
एमबीबीएस डॉक्टर घर पर फरमाते हैं आराम
एक हफ्ते में केवल एक दिन ही देते हैं ड्यूटी
जेटी न्यूज़ योगापट्टी
योगापट्टी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अवैध वसूली से लेकर रोस्टर डिवटी में व्यापक गडबडी का पोल खुल रहा है, इस पीएचसी में कार्यरत डाक्टर दयाशंकर सिंह की चुप्पी ने पीएचसी योगापटटी में हो रहे अवैध धंधा को उजागर कर रहा है, उनके अनुसार पीएचसी की बदहाली चिकित्सा पदाधिकारी का देन है, पीएचसी में एमबीबीएस डाक्टर के होने और जिला से रोस्टर डिवटी की चार्ट होने के बाद भी जिला स्वास्थ्य विभाग के रोस्टर चार्ट को धता बताकर सरासर उलंघन हो रहा है, साथ ही आयुश डाक्टरों को डरा धमकाकर एमबीबीएस के जगह पर डिवटी लिया जा रहा है, उन्होंने बताया कि यु कहिए कि यहां आयुष डॉक्टर के भरोसे चलता है स्वास्थ्य केंद्र ।
जबकि एमबीबीएस डॉक्टर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से मिलीभगत कर अपने घर पर बैठकर ही आराम फरमाते हैं । केवल हफ्ते में एक दिन ही करते हैं ड्यूटी । रोस्टर के अनुसार नहीं होती है ड्यूटी । स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर दयाशंकर सिंह ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पर आरोप लगाते हुए बताया कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अमितेश रंजन श्रीवास्तव डॉक्टर एमएस रहीम और डाक्टर आदित्य कुमार कि ड्यूटी प्रतिदिन है लेकिन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की मिलीभगत से हफ्ते में केवल एक ही दिन आते हैं बाकी दिन अपने घर पर ही रह कर आराम फरमाते हैं ।
जबकि प्रतिदिन डॉक्टर आयुष के भरोसे ही चलता है पीएचसी । इतना ही नहीं अस्पताल में पीएचसी प्रभारी के मिलीभगत से एएनएम द्वारा गर्भवती महिलाओं के परिजनों से अवैध उगाई भी की जाती है । जिन महिलाओं को नॉर्मल बच्चा यीशु होने वाला होता है उसे भी गंभीर बताते हुए व स्वास्थ्य केंद्र में सुविधा नहीं मिलने की बात कहते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के निजी अस्पताल में भेज दिया जाता है ।
हमेशा निजी अस्पतालों के बिचौलिए अस्पताल के लेबर रूम के आस पास टहलते नजर आते हैं, व गर्भवती महिलाओं के परिजनों को बहला फुसलाकर प्रभारी के निजी अस्पताल में ले जाते हैं व मोटी रकम लेकर बच्चा यीशु कराया जाता है । बच्चे के यीशु कराने के बाद पुनः स्वास्थ्य केंद्र में रजिस्ट्रेशन कराकर सरकारी रूपये का उठाव कराया जाता है और मिलने वाली रूपये में आपस में बंदरबांट किया जाता है, उसका जन्म सर्टिफिकेट दिया जाता है ।
व उनके परिजनों से अवैध वसूली भी किया जाता है । इसका विरोध करने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अमितेश रंजन श्रीवास्तव और उनके गुर्गे द्वारा धमकी भी दिया जाता है, इस बावत प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अमितेश रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि मेरे ऊपर लगाया गया सभी आरोप बेबुनियाद है ।