तेजस्वी यादव का तीखा हमला- बिहार के थानों में बिकती है शराब और कमीशन लेती है सरकार

 


जे टी न्यूज़, पटना

आपको बताते चले की बिहार में पूर्ण शराबबंदी है लेकिन जहरीली शराब के सेवन से मौतों का तांडव दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है ।

सबाल उठता है कि जब शराब बंद है तो शराब की खेप कहा से अति है बिना आग के तो धुंआ नही उठता है। आखिर इन मौतों का कौन है जिम्मेदार। दो दिनों में बिहार में जहरीली शराब से 4 दिनोँ में 41 लोगों की मौत होने के बाद नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर सवाल गहराने लगें हैं। एक बार फिर राजद के नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। तेजस्वी ने कहा है की बिहार में लोग जहरीली शराब से नहीं मरे हैं बल्कि सरकार ने उनकी हत्या करायी है।

तेजस्वी ने जहरीली शराब से मौत के लिए सीधे नीतीश कुमार को जिम्मेवार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि सूबे में लाशों का ढेर लगने के बावजूद शराबबंदी का ढोंग करने वाले संवेदनहीन मुखिया नीतीश कुमार चुप है क्योंकि अवैध शराब के धंधे में उनकी मिलीभगत है।

नीतीश सरकार की अवैध शराब के कारोबार और तस्करी में सीधी एवं प्रत्यक्ष संलिप्तता है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि बिहार में पिछले 3 दिनों में शराब माफिया संग मिल बिहार सरकार द्वारा आपूर्ति की गयी जहरीली शराब से बिहार में 50 से अधिक लोगों की संस्थागत हत्या हुई है। उन्होंने शोकसंतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।

तेजस्वी यादव ने कहा है कि सिपाही और चौकीदार को बर्खास्त करना ही शराबबंदी नहीं है। आखिरकार बिहार में मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग तथा पुलिस का कोई भी शीर्ष अधिकारी आज तक क्यों बर्खास्त नहीं हुआ है। इसका मतलब साफ है कि शीर्ष लोगों की मिलीभगत के बिना कोई शराब नहीं बेच सकता तेजस्वी यादव ने सवाल पूछा है कि क्या यह सच्चाई नहीं है कि थानों से शराब की बिक्री हो रही है? क्या यह सच नहीं है कि वरिष्ठ अधिकारियों और सत्ताधारी नेताओं तक कमीशन नहीं पहुँच रहा है? क्या यह सच नहीं है कि कुख्यात शराब माफियाओं की मुख्यमंत्री आवास में सीधी पहुँच है? क्या यह यथार्थ नहीं है कि शराबबंदी के नाम पर मुख्यमंत्री द्वारा की गयी हज़ारों समीक्षा बैठकों का अभी तक का परिणाम शून्य ही नहीं बल्कि तस्करों को प्रोत्साहित करने वाला ही साबित हुआ है। गौरतलब है कि बिहार में पिछले 4 दिनों में जहरीली शराब से कम से कम 41 लोगोँ की मौत हो गयी है. हालांकि सरकार ने 32 मौत की पुष्टि की है. तीन जिलों में लगातार मौत के बाद सरकार पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

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