क्या विद्यालय में कोरोना पाया जाता है चुनावी रैली में नही सोचिये

क्या विद्यालय में कोरोना पाया जाता है चुनावी रैली में नही सोचिये

जे टी न्यूज़
दिल्ली

आपको सोचना होगा हमको सोचना होगा कि आखिर बार बार कोरोना विधायक में ही क्यों जा रहा। आज तीन बर्ष हो गए लेकिन बच्चे विधायक के दर पर नही जा सके कोरोना का डर है ।

सबसे बड़ा सवाल उठता है कि क्या चुनाव जैसे ही खत्म होती है कोरोना बिकराल रूप ले लेती है। कभी आपने या हमने इस पर सोचने की कोसिस की है नही क्यों सोचे आप सोच रहे होंगे एक अकेले मेरा बच्चा थोरे ही है तो मैं भी यही सोच रहा हु। अभिभावकों की नौकरी चली गई आर्थिक तंगी से उबर नही पाए विद्यालय अपना शुल्क लेने से बाज नही आ रहा तो ऐसे में क्या समझ सकते है।

मतलब शिक्षा के जहाज को बड़े शौक से डुबाए जा रहे हैं, स्कूलों को बंद करके, लोग रैलियों में बुलाए जा रहे हैं। तू कब तक फ्री के राशन का मजा लेता रहेगा ऐ आम आदमी?
तेरे बच्चे जिस्म से नहीं दिमाग से अपाहिज बनाए जा रहे

तो रुकिए आप को मानसिक रूप से गुलामी की जंजीर में बांध दिया गया है। आपके बच्चे को पढ़ने नही दिया जाएगा क्योंकि अगर वो पढ़ लिया तो फिर अपने अधिकार को खोजने लगेगा। मतलब मानसिक रूप से आपके बच्चे को भी गुलामी की जंजीर के रूप में मानसिक रूप से अपाहिज बना दिया जाएगा।

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