नेपाल से निकलने वाली गागन नदी की धारा परिवर्तन से कई गांवों पर संकट
नेपाल से निकलने वाली गागन नदी की धारा परिवर्तन से कई गांवों पर संकट
(जेटीन्यूज)
मधुबनी।लदनियां प्रखंड क्षेत्र की कुमरखत पूर्वी पंचायत के दोनवारी गांव में पीडब्ल्यूडी सड़क से नेपाल सीमा तक जाने वाली पक्की सड़क पर दो फीट पानी, तो पथलगाढ़ा गांव के प्रधानमंत्री सड़क इन्दल पंडित घर के निकट ढ़ाई फीट पानी बह रहा है। गागन नदी का पानी दोनों गांव के दर्जन भर परिवार के घरों को अपने आगोश में ले लिया है । जबकि महुलिया, विसहरीया, कुमरखत,तेनुआही, कमतौलिया, गांव की सैकड़ों एकड़ भूमि में लगायी गयी धान, बिचारा, एवं मूंग दाल की फसल डूब गयी है।यह क्षेत्र वर्ष 1987 से लगातार बाढ़ विभिषिका झेल रहा है ।1990 के दशक में बिहार सरकार के तत्कालीन राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री स्व देव नारायण यादव ने लोगों की शिकायत पर भारतीय क्षेत्र में रींग बांध का निर्माण कराया था।
उस समय लोगों को बाढ़ से निजात मिला परन्तु नेपाल से निकलने वाली गागन नदी के द्वारा बार बार धारा परिर्वतन के कारण लोगों की समस्या और बढ़ गयी। हालांकि 2004-2005 में राजद के तत्कालीन विधायक प्रोफेसर उमा कांत यादव के द्वारा दोनवारी,मोतनाजे गांव के बीच पदमा छपकी पीडब्ल्यूडी सड़क में हुए कटाव पर पूल निर्माण करा कर यातायात व्यवस्था को बहाल किया गया था। परंतु एक बार फिर नदी के द्वारा दिशा परिवर्तन कर दक्षिण के बदले पश्चिम दिशा में बहाव होने से यह पूल एक ओर जहां नदी का एहसास करा रहा है, वहीं दूसरी ओर नदी के दिशा परिवर्तन से खुशहाली का जीवन जीने वाले लोगों पर संकट का बादल मंडरा रहा है । पूर्व पंचायत समिति सदस्य राम कुमार यादव ने बताया कि इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के द्वारा जनहित में सड़क से लेकर संसद तक सवाल उठाए गए, परंतु सरकार एवं विभागीय अधिकारियों की लालफीताशाही एवं उदासीनता के कारण इसका स्थाई समाधान नहीं हो पाया। अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं निकला गया तो अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता।