पादप रोग जनक सूत्रकृमि के प्रभावी नियंत्रण के संबंध में किसानों को मिली जानकारी

पादप रोग जनक सूत्रकृमि के प्रभावी नियंत्रण के संबंध में किसानों को मिली जानकारी

कृषक प्रक्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम का झंझारपुर कृषि विज्ञान केंद्र सुखेत द्वारा हुआ आयोजन

प्रो अरुण कुमार/जेटी

मधुबनी।कृषक प्रक्षेत्र भ्रमण को लेकर झंझारपुर कृषि विज्ञान केंद्र सुखेत के पौध संरक्षण एवं उद्यान विशेषज्ञ राहुल सिंह राजपूत क्षेत्र के भखरौली गांव पहुंचे थे। कृषि वैज्ञानिक डॉ राजपूत ने बताया कि भ्रमण कार्यक्रम में सब्जी की खेती करने वाले कृषकों से उन्होंने बातचीत की एवं क्षेत्र में आने वाली कीट व्याधि समस्या को समझा। उन्होंने बताया कि प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान विभिन्न प्रकार की सब्जी जैसे- परवल, करेला, बैगन, पत्ता एवं बंदगोभी के खेत में फसल के स्वास्थ्य एवं विकास का अवलोकन कर उससे बचने का उपाय बताया। पौध संरक्षण विशेषज्ञ डॉ राजपूत ने परवल की फसल पर व्यापक रूप से सूत्रकृमि (निमेटोड) की समस्या एवं इसके निदान के बारे में कृषक को विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त अन्य सब्जी वाली फसलों में लगने वाले रोग व्याधि के प्रमुख लक्षणों एवं फसल उपज में इससे होने वाली हानि के बारे में भी बताया गया। पादप रोग जनक सूत्रकृमि (निमेटोड) के प्रभावी नियंत्रण हेतु फसल चक्र, नर्सरी एवं मुख्य क्षेत्र भूमि उपचार बीज एवं पौध उपचार प्रतिरोधी किस्मों के बीज का चुनाव एवं कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीवों के उपयोग को प्रयोग में लाने का सुझाव दिया। उद्यान विशेषज्ञ डॉक्टर प्रदीप कुमार विश्वकर्मा द्वारा सब्जी की फसल में जैविक खाद जैसे केचुआ खाद उपयोग एवं सूक्ष्म पोषक तत्व के उचित प्रबंधन पर जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया की पौधों में सूक्ष्म पोषक तत्व की कमी के कारण फूल एवं फल के विकास पर भी प्रभाव पड़ता है एवं फल कभी-कभी विकृत या फट भी जाते हैं। कृषकों को कृषि विज्ञान केंद्र सुखेत पर आने हेतु भी निमंत्रण दिया गया और वहां पर उन्हें विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण तथा जानकारी प्रदान करने का आश्वासन दिया गया।

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