भाजपा भ्रष्टाचारियों की जमात , मध्यप्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह को जेल दो – प्रभुराज

भाजपा भ्रष्टाचारियों की जमात , मध्यप्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह को जेल दो – प्रभुराज


जे टी न्यूज
मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह को 50 एकड़ जमीन उनके ससुराल वालों द्वारा दान में दिया गया है । यह बड़ा ही हास्यास्पद और नाजायज संपत्ति को छुपाने का प्रथम दृष्टया प्रयास प्रतीत होता है । गोविंद सिंह पहले कांग्रेस के विधायक रहे । जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से इस्तीफा देकर मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए ।उस समय यह जोरों पर चर्चा थी की भारी रकम देकर कांग्रेस के विधायकों को खरीद कर कमलनाथ की सरकार को गिरा कर भाजपा के शिवराज सिंह मामा की सरकार बनाई गई । यह घटना भारत की संविधान और जनतांत्रिक मूल्यों पर बहुत बड़ा हमला था । आज जब विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला उजागर हुआ है । तो भारतीय जनता पार्टी और उसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिन्होंने कहा था कि न खाऊंगा और ना खाने दूंगा मौन है । मंत्री गोविंद सिंह के द्वारा विधायक खरीद फरोख्त में मिली राशि जो 2020 में प्राप्त हुई थी । उसे अपने ससुराल वालों के माध्यम से ससुराल से काफी दूरी पर , जो गोविंद सिंह के नजदीक है । 50 एकड़ जमीन खरीद कर उन्हें सौंप दिया गया । जब इस घटना का रहस्योघाटन हुआ है । तो राजस्व मंत्री गोविंद सिंह ने यह कहा कि 58 वर्षीय मंत्री जी को उक्त भूमि ससुराल वालों ने दान में दिया है । यह सवाल निश्चित रूप से साबित करता है कि भाजपा के नेताओं से प्राप्त की गई राशि से अपने सालों के द्वारा इस जमीन को खरीद कर दान के बहाने अपने कब्जे में ले लिया गया। स्वक्ष सरकार देने की वायदे करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश , गोवा , मेघालय , उत्तराखंड , महाराष्ट्र , कर्नाटक आदि राज्यों में कारपोरेट घरानों से पैसे लेकर विधायकों को उम्मीद से ज्यादे पैसे देकर अपने को बेचने के लिए विवश किया गया* जो बहुत बड़ा अपराध है ।
इस तरह देश में आधे दर्जन राज्यों में खरीद फरोख्त कर भाजपा ने सरकार बना ली । लेकिन आज भी आंध्रप्रदेश , केरल जैसे। अनेक राज्यों में सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली भाजपा को एक भी विधायक मयस्सर नहीं हुआ । लेकिन देश के संविधान और लोकतंत्र को विशुद्ध व्यवसाय और निजी स्वार्थ में भाजपा और नरेंद्र मोदी ने तब्दील कर दिया है । जो लोकतंत्र का गला घोटना है ।

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