“शिक्षा 4.0 के माध्यम से सतत विकास लक्ष्य प्राप्ति” पर आयोजित की गई राष्ट्रीय संगोष्ठी

“शिक्षा 4.0 के माध्यम से सतत विकास लक्ष्य प्राप्ति” पर आयोजित की गई राष्ट्रीय संगोष्ठी

“राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर की गई विस्तृत चर्चा, वक्ताओं ने दिया अपने विचार विमर्श

कई राज्यों से पधारे अतिथियों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर अपने विचारों से शमा को दिया बांध

“महाविद्यालय के सचिव भी उपस्थिति में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर चली घंटों तक चला विचार-विमर्श

जेटी न्यूज़, ठाकुर वरुण कुमार

समस्तीपुर::- जिला अंतर्गत कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र में वीरसिंहपुर पंचायत में अवस्थित सेंट पॉल टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के सर पी पी एन सिंह ऑडिटोरियम में दिनांक 27.12.2022 दिन मंगलवार को “अचिविंग सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल: थ्रू एजुकेशन 4.0” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ उपेंद्र कुमार एच.ओ.डी (आर.एस.पी. कॉलेज झरिया, झारखंड व बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी धनबाद) थे। वहीं विशिष्ट अतिथियों के रूप में उत्तर प्रदेश बाराबंकी के अवध यूनिवर्सिटी के पी जी कॉलेज, हैदर गढ़ के डॉ राजेंद्र कुमार यादव व उत्तर प्रदेश अवध यूनिवर्सिटी के रामप्रीत महाविद्यालय गाजीपुर के डॉ अरविंद कुमार थे।

कार्यक्रम का आगाज दीप प्रज्वलित करते हुए महाविद्यालय के मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं महाविद्यालय की महा प्राचार्या रोली द्विवेदी व सचिव अविनाश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। संचालन प्रोफेसर आदित्य प्रकाश व प्रशिक्षु अलका कुमारी ने संयुक्त रूप से किया। वहीं कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना के साथ प्रो. संजीव कुमार व प्रो. अमित कुमार ने संयुक्त रूप से किया। स्वागत गीत की प्रस्तुति डी.एल.एड. की मीनाक्षी, सपना, व भी.एड. की अंशु ने किया। साथ ही राष्ट्रीय गीत सपना के द्वारा प्रस्तुत किया

अब आपको आगे बताते चलें कि मुख्य अतिथि डॉ उपेंद्र कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर कई ऐसी जानकारियां दी जिसको लेकर पूरा सभागार मंत्रमुग्ध हो गया। उन्होंने अपने लगभग घंटे भर के भाषण में पूरे शिक्षा प्रणाली की अंग्रेजों से लेकर अभी तक का भेद खोल कर रख दिया। श्री कुमार ने बताया कि अभी हमारे यहां मैकाले शिक्षा पद्धति चल रही है जो कि आज के शिक्षार्थियों को सिर्फ और सिर्फ नौकर बनाने की व्यवस्था जारी कर रखी है, जबकि ई. 1700 के करीब में हमारे यहां गुरुकुल व्यवस्था थी, जिसमें लोगों को कार्यकुशलता के आधारित कौशल विकास की शिक्षा दी जाती थी ताकि वह अधिक से अधिक आमदनी अर्जित कर सके, लेकिन मैकाले शिक्षा पद्धति ने हमें कुछ मेहनताना देकर नौकर बनाने की अवस्था में ला दिया। उन्होंने आगे बताया कि शिक्षा रोजगार परक होने चाहिए ताकि अगर हम शिक्षित हैं तो लोगों को जो गरीब तबके के लोगों को रोजगार दे सके।

कार्यक्रम का समापन महाविद्यालय के महा प्राचार्या राॅली द्विवेदी ने अपने मुखारविंद से किया। वहीं मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों के सत्कार में महाविद्यालय के सचिव अविनाश कुमार जगह जगह पर उपस्थित रहे

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