होम पाईप डाल कर एवं चचरी का पुल बनाकर आज भी रघुवा नदी पार करते हैं हजारों परिवार के लोग।
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होम पाईप डाल कर एवं चचरी का पुल बनाकर आज भी रघुवा नदी पार करते हैं हजारों परिवार के लोग।
*जे०टी०न्यूज:-*
*राम कुमार चम्पारणी*
केसरिया/पू०च०
सरकार के विकास की दावा याहा खोखला साबित हो रहा है। केसरिया के मेरुदंड कहे जाने वाले रघुवा नदी पर नगरपंचायत में एक मात्र पुल है । जबकि हजारों परिवार के लोग जगह-जगह निजी स्तर पर चंदा उगाही कर होम पाईप डाल कर या चचरी का पुल बनाकर नदी को पार करने पर विवस है। विकास के नाम पर ढिढोरा पीटने वाली सरकार के निगाह इतना पड़ा समस्या पर कब पड़ेगा लोग टकटकी लगाए देख रहे हैं।रघुवा नदी केसरिया के दर्जनों पंचायत के विकास की गंगा है बाढ़ के पानी को आसानी से गंडक नदी में पहुंचा कर बाढ़ से मुक्ति दिलाने और रबि फसलो के लिए जल संचित कर सिंचाई में सहयोग कराने का काम करता है ।
इसी नदी में होम पाईप या चचरी का पुल बनाने से जलकुंभी जल मार्ग को अवरूद्ध कर देता है जिससे अत्यधिक बाढ़ या सुखाड़ का सामना करना पड़ता है । प्रखण्ड कार्यालय से महज एक किलो मीटर दूरी पर बाथना पंचायत के कउवाबारी वार्ड नंबर चार में चंदा उगाही कर के लोग रघुवा नदी में होम पाईप डाल कर घर से सहर -बजार ,होस्पीटल ,अंचल थाना आदी जगहों पर जाते हैं।ताजुब की बात यह है कि ग्रामीण पथ निर्माण विभाग के इंजिनियर बिना देखे उसी होम पाईप के उपर पी० सी०सी०पक्की सडक बनवा दिया । स्थानीय निवासी नसीम अहमद खां, रामाशीष मुखिया, एकवाल मुखिया,सुरज सहनी, छोटेलाल सहनी, सुरेश सहनी,हीरा सहनी, समेत दर्जनों लोगों ने बताया कि पुल के अभाव में बीमार लोगों का समय पर समुचित इलाज नहीं हो पाता है वहीं नदी की सफाई नहीं होने से पानी वहीं पे रुक जाता है जिससे लोगों के घरों में पानी घुस जाता है।पुल के अभाव में विगत 2020 के बाढ़ में मवेशियों के लिए नाव से पशु के लिए चारा लाने गई सात युवतियो का डुबोने से मृत्यु हो गई थी।उसके बाद जिला प्रसासन एवं राज्य सरकार के आलाधिकारी काफी सक्रिय हुए थे मगर बाढ़ गई बात गई।
इसके अलावा हजारों एकड़ के खरीफ फसल एवं नगर समेत दर्जनों पंचायत के हजारों लोग का जान माल की काफी नुकसान होता है।उसी नदी नगर पंचायत के वार्ड नंबर 6,7एव बथना पंचायत के वार्ड नंबर 01में आज भी सैकड़ों परिवार के लोग चचरी का पुल बनाकर हाट, बजार,खेती ,बाड़ी आदी जरुरत के समान लाते -ले जाते हैं।यदी समय रहते इस नदी पर जगह जगह पुल नहीं बना और नदी का सफाई नहीं हुआ तो इस नदी का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और केसरिया हमेशा बाढ में डूबा रहेगा।