मोदी सरकार का एम एस पी घोर किसान विरोधी

मोदी सरकार का एम एस पी घोर किसान विरोधी
जे टी न्यूज

नई दिल्ली : अखिल भारतीय गन्ना किसान महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव नंदकिशोर शुक्ला तथा बिहार राज्य ईंख उत्पादक संघ के महासचिव प्रभुराज नारायण राव ने केंद्रीय सरकार द्वारा 2023 , 24 के लिए धान एवं अन्य फसलों पर निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम एस पी) को घोर किसान विरोधी बतलाया है । उन्होंने बताया कि वर्ष 2022, 23 के लिए गेहूं का निर्धारित एमएसपी 2135 रुपए प्रति क्विंटल था । जबकि बड़े व्यापारियों के बिचौलियों ने किसानों के घर पर आकर 2200 सौ से 2300 सौ रुपए प्रति क्विंटल मूल्य देकर गेहूं ले गए ।यही कारण था कि सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं खरीदने का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका था । किसानों के फसल का उचित दाम दिलाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनेक योजनाएं बनाई गई है । फसल बीमा योजना उसी का एक हिस्सा है । यह सबको पता है कि इस साल खासकर बिहार में गेहूं के फसल में भारी क्षति हुआ है । जहां 1 एकड़ में 14 क्विंटल प्रति एकड़ गेहूं कम से कम होना चाहिए था । इस साल 6 से 7 क्विंटल गेहूं हीं निकला ।

लेकिन किसानों को किसी प्रकार की राहत या मुआवजा नहीं दी गई । फसल बीमा योजना तो कंपनी वालों को मुनाफा पहुंचाने की योजना के रूप में सामने आया है । क्योंकि किसानों से फसल बीमा योजना का प्रीमियम जो लिया जाता है । उसके हिसाब से बहुत कम किसानों को फसल बीमा मिलता है । यानी मात्र 20 % किसानों को हीं फसल बीमा मिलता है । बाकी सरकार द्वारा दिए गए अनुदान और किसानों द्वारा दिए गए प्रीमियम से भारी लाभ बीमा कंपनियों को मिलता है । जो किसी भी मायने में किसानों के हित में नहीं कहा जा सकता । अगर केंद्रीय सरकार की नियत किसानों को लाभ पहुंचाने की होती । तो इस तरह के फसल बीमा की योजना बनती और नहीं किसानों के लिए घाटे की एमएसपी का निर्धारण होता । अभी मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2023 , 24 के लिए धान के निर्धारित एमएसपी में 143 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि कर 2183 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। मक्का का एम एस पी भी 2183 रुपए निर्धारित किया गया । केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल के अनुसार अरहर दाल , उरद दाल, सोयाबीन , सूरजमुखी का बीज , ज्वार, बाजरा आदि पर एम एस पी में 6% की वृद्धि की गई है । जो फसल में लागत का डेढ़ गुना कत्तई नहीं है ।

मोदी सरकार द्वारा घोषित 2022 तक किसानों के फसल का दोगुनी आमदनी करने की बात भी झूठी निकली । उन्होंने ने कहा कि संघ एवं भाजपा की मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार है । इसकी मंशा आज भी कारपोरेट जगत के हाथों में किसानों की जमीन को दे देना है। यह सरकार विश्व बैंक और आई एम एफ के कर्ज के बोझ से दबी हुई है । यहीं कारण है कि अमेरिकी साम्राज्यवाद का चाटुकार पूरे देश को बना दिया है । ऐसी परिस्थिति में हमें एकजुट आंदोलन खड़ा कर किसान विरोधी , मजदूर विरोधी , जन विरोधी, राष्ट्र विरोधी इस मोदी सरकार को गद्दी से हटाना ही होगा ।

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