संघ , भाजपा और नरेंद्र मोदी को सिर्फ हिंदुत्व का हीं सहारा

संघ , भाजपा और नरेंद्र मोदी को सिर्फ हिंदुत्व का हीं सहारा
आलेख -प्रभुराज नारायण राव

 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की केंद्र तथा तमाम राज्यों की सरकारों द्वारा धार्मिक कार्यों को प्राथमिकता के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है । कहां तो संविधान यह कहता है कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है । धर्म व्यक्तिगत आस्था का चीज है । राज सत्ता से उसको जोड़ना संविधान विरोधी है । लेकिन 2014 में देश के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के आने के बाद संविधान की मर्यादाओं , उसके नियमों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन किया जाता रहा है । जब देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी लोकसभा के सीढ़ियों पर माथा टेकते हैं । तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी विधानसभा के कुर्सियों को गंगाजल से धोकर शुद्ध करते हैं । यह हिंदू और मनु स्मृति की मान्यताओं के अनुरूप स्पष्ट रूप से दिखता है की शुद्र या अत्यंत पिछड़े वर्ग के लोगों द्वारा उन जगहों पर बैठने का काम हुआ है । इसलिए गंगाजल से उसे शुद्ध करके एक उच्च जाति के समर्थवान योगी उस गद्दी पर बैठेगा ।इस तरह की चीज लगातार भाजपा की सरकार के अंदर देखी जा रही है ।
अभी-अभी नया लोकसभा के उदघाटन के समय विपक्ष को नजर अंदाज कर यानी विपक्ष विहीन लोकसभा का उदघाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बिल्कुल मनू स्मृति के आधार पर पूजा पाठ और मंत्रोचार कर के किया गया । तो सवाल उठता है कि इस देश के अंदर हिंदू के अलावे दूसरे धर्म के अनुसरण करने वालों को भारतीय नहीं माना जा रहा ।उनके धार्मिक आस्थाओं को महत्व नहीं दिया जा रहा। इस तरह की धार्मिक तनाव आजादी के बाद पहली बार संघ और भाजपा की सरकार जो मोदी के नेतृत्व में 2014 में बनी उसके बाद देखने को मिल रहा है। प्रश्न उठता है कि जिस देश कि आजादी के लिए इतिहास के पन्ने गवाह है कि सबसे ज्यादा कुर्बानियां मुसलमान की रही है । गिरफ्तारियां भी मुसलमानो की रही है । इंडिया गेट पर दर्ज स्वतंत्रता सेनानियों की सूची इसका गवाह है । देश की आजादी के लिए सबसे ज्यादा संघर्ष और त्याग कांग्रेस और कम्युनिस्टों की रही है। ठीक विपरीत 1906 में बनी हिंदू महासभा और 1925 में बना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक भी कोई आदमी पूरे आजादी के आंदोलन के दौर में एक कतरा खून तक नहीं बहाता है । गिरफ्तारियां नहीं देता है। बल्कि अंग्रेजों के खिलाफ चल रहे आजादी के एकजुट आंदोलन को कमजोर करने के लिए देश में हिंदू और मुसलमान के बीच मतभेद और तनाव पैदा करने का काम हिंदू महासभा और संघ करता है । उस विचारधारा के लोग जिन्होंने सही मायने में देश की आजादी में कोई भूमिका नहीं देकर देश के साथ गद्दारी की है ।

 

आज शासक के रूप में वो देश चला रहे हैं। चूंकि आजादी की लड़ाई में कोई भूमिका ही नहीं है । इसलिए इतिहास को तोड़ने का काम , संविधान को तोड़ने का काम , धार्मिक उन्माद पैदा कर देश को जलाने का काम , मस्जिदों को तोड़ने का काम और हिंदू मुस्लिम तनाव को प्राथमिकता के आधार पर निरंतर बढ़ाने का काम , उनके शासन के बागडोर को मजबूत करने का एकमात्र रास्ता बच जाता है प्रदायिकता। जिसका लगातार वे पालन कर रहे हैं । तो फिर सवाल खड़ा होता है कि लाखों लाख हमारे देश के लोगों ने ब्रिटिश हुकूमत को देश से भगाने के लिए कुर्बानियां दी ।गिरफ्तारियां दी । काला पानी की सजा भोगी और उनका जो मकसद था की आजादी के दौर में हम सांस ले सके । हमारे बच्चे , हमारा परिवार आजाद महसूस कर सके । हमें शिक्षा , स्वास्थ्य की गारंटी मिले । हमारे बच्चों को रोजगार मिले । देश की जनता को हर प्रकार का खुशहाली मिले । भोजन की गारंटी मिले और एक कल्याणकारी राष्ट्र हमारा देश बने और हम सब खुशहाल रहे । देश दुनिया में खुशहाली का प्रतीक बने । लेकिन आज देश फिर साम्राज्यवाद की गुलामी की ओर बढ़ता दिख रहा है । लाखों लोगों की कुर्बानियों के बाद ब्रिटिश साम्राज्य को उखाड़ फेंकने के बाद आज भारतीय जनता पार्टी कि मोदी सरकार संघ , भाजपा , अपने मंत्री , सांसद तथा एमएलए के सहयोग से कारपोरेट , अमेरिकी साम्राज्यवाद के हाथों बिकती जा रही है । यह उसके इशारे पर लगातार काम करती जा रही है। जिस दक्षिण एशिया में अमेरिकी साम्राज्यवाद का सबसे बड़ा चाटुकार कभी पाकिस्तान नजर आता था । आज उसके स्थान को हमारा देश ले लिया है और कभी नमस्ते ट्रंप तो कभी जो वाईडेन की अगवानी प्रधानमंत्री मोदी करना । कभी पीठ थप थपवाना , कभी विश्व बैंक , आईएमएफ से मोटी रकम लेना और देश की सारी सार्वजनिक संस्थाओं को बेच देना , देश की सारी पूंजी और देश की खेती किसानी को कॉर्पोरेट के हाथों दे देना , रेल , हवाई जहाज , तेल , गैस , कोयला हमारी सारी संसाधनों को कॉर्पोरेट के हाथों में दे देना और उसके एवज में एक चाय बेचने वाला का बेटा प्रधानमंत्री के रूप में बनने के बाद दुनिया की कीमती से कीमती कपड़े , इत्र , भोजन , हवाई जहाज , आवास और सारे संसाधनों का भोग विलास ऐसो आराम लगातार अपने सहयोगी मंत्रियों और कार्यकर्ताओं के साथ करता जा रहा है।

आज हिंदुस्तान के हर जिलों में करोड़ों की भाजपा की पार्टी कार्यालय सारी उन्नत तकनीकी सुविधाओं से परिपूर्ण नजर आ रही है । कार्यकर्ताओं को घूमने के लिए हर प्रकार के साधन और पैसे दिए जा रहे हैं । यह स्थिति 2014 के बाद देखने को मिला ।नोटबंदी करके पहला काम भाजपा और संघ को समृद्ध किया गया है ।जीएसटी लागू करके देश के एक-एक गरीबों के खाने के तमाम पदार्थ पर टैक्स लगाकर उनका शोषण किया जा रहा है और झूठ का सिलसिला दुनिया में भारत का डंका बजना , कभी किसानों के आमदनी को दुगनी करना , कभी भारत के हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपया दे देना , कभी देश के बेरोजगार नौजवानों को हर साल 2 करोड़ रोजगार दे देना और अब 2024 के चुनाव में जीतने के बाद दुनिया का तीसरा आर्थिक शक्ति बना देने के झूठे आश्वासनों में लोगों को उलझा कर सत्ता सुख भोगना तथा अपने कुनबे को सुख दिलाने का एक अदद काम नरेंद्र मोदी की सरकार कर रही है । अब तो विपक्ष के द्वारा इंडिया नाम क्या रखना भारत और इंडिया को लड़ा देने की असफल साजिश में मोदी सरकार और उसके तमाम अंधभक्त लगे हुए हैं । उनके साथ इस देश के जितने भी लुटेरे , भ्रष्टाचारी , बलात्कारी और देश को बेचने वाली विदेश में बैठी शक्तियां हैं , पुरी तरह तन मन के साथ नरेंद्र मोदी की मदद में लगी हुई है। क्योंकि 10 –20 हजार रुपए किसानों को कृषि कार्य के लिए कर्ज देने वाले बैंक उन पर न्यायालय द्वारा नोटिस करते हैं । पुलिस भेज कर गिरफ्तारी की धमकी देते है । लेकिन देश के बड़े पूंजीपतियों द्वारा बैंकों से पैसा लेकर नहीं देने के बाद उनके पैसे माफ कर दिए जाते हैं । 575 लाख करोड़ रूपया अभी अदानी का मोदी सरकार ने माफ कर दिया । इसलिए देश को आर्थिक से छुटकारा दिलाने का समय भी आ गया है । 2024 का लोकसभा चुनाव में सारे टीकरम बाजी को इस चुनाव को जीतने के लिए अपनाए जाएंगे । लेकिन देश हित में मोदी सरकार को परास्त करना बहुत ही सही होगा।

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