कठिनाइयों से दूर हैं अभियोजन पदाधिकारी.

कठिनाइयों से दूर हैं अभियोजन पदाधिकारी

सरकार द्वारा नहीं दी जा रही है सुविधा.

राज्य में 1441 सुजीत पद के विरुद्ध 500 कार्यरत .

एन .के .सिंह नवीन

समस्तीपुर ::-न्यायालयों में बढ़ते मुकदमों के बोझ से कठिनाइयों के बीच एक हॉल नुमा कमरे में कार्यरत हैं. अभियोजन पदाधिकारियों को बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं है. एक टेबल पर 3-3 अभियोजन पदाधिकारी बैठकर अपने अपने कार्यो का निपटारा करते हैं कार्यालय कक्ष में जगह की कमी के कारण कर्मियों को बैठने की भी उचित व्यवस्था नहीं है. समस्तीपुर मंडल में व्यवहार न्यायालय ,समस्तीपुर, अनुमंडलीय न्यायालय रोसरा अनुमंडलीय न्यायालय दलसिंहसराय अनुमंडलीय न्यायालय शाहपुर पटोरी के लिए सरकार द्वारा अभियोजन पदाधिकारियों के 30 पद सृजित हैं ,जबकि इसके विपरीत मात्र 13 अभियोजन पदाधिकारी ही कार्यरत हैं.

इस तरह पूरे बिहार में योजन पदाधिकारियों के लिए 1441 पद सृजित है ठीक इसके विपरीत लगभग 500 अभियोजन पदाधिकारी ही नियुक्त है सरकार द्वारा फरवरी 13 के बाद से आज तक अभियोजन पदाधिकारी के पद पर बहाली के लिए विज्ञापन नहीं निकाला गया है और न बहाली की जा रही है. उच्च न्यायालय पटना द्वारा सी डब्ल्यू जे सी 2650 दिनांक 10596 में पारित आदेश में बिहार सरकार को निर्देश दिया गया था कि राज्य में अभियोजन अधिकारियों के लिए समुचित जगह लाइब्रेरी आवासीय सुविधा सरकारी भवन स्वास्थ्य सुविधा ड्रेस टेलीफोन आदि की सुविधा शीघ्र उपलब्ध कराई जाए क्योंकि आज तक अन्य सुविधाओं से वंचित रखा गया है. इतना ही नहीं सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट ने भी एक कोर्ट के लिए एक अभियोजन पदाधिकारी को नियुक्त किए जाने का आदेश दिया था जबकि तीन चार कोर्ट पर एक अभियोजन पदाधिकारी कार्य करते हैं उक्त आदेश की प्रति प्रत्येक जिले के जिला अधिकारी को दी जा चुकी है. यह है सुशासन की सरकार जिसने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी पालन करने में कतरा रही है और जिस योजना से आम लोगों को कोई लाभ नहीं होगा कोई से योजनाओं के नाम पर हजार करोड़ से अधिक रुपए खर्च करने के लिए बिहार के कैबिनेट सरकार ने मंजूरी देकर बिहार के खजाने को लूटने का साजिश चला रही है.

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