दिव्यांग आरिफ अराफ़ात बने दिव्यांग के सहायक

दिव्यांग आरिफ अराफ़ात बने दिव्यांग के सहायक

जे टी न्यूज, खगड़िया: गोगरी अनुमंडल स्थित चकयुसुफ मोहल्ला के एक पैर से दिव्यांग आरिफ अराफ़ात अपने जैसे दिव्यांग भाइयों एवं बहनों के लिए मददगार के रूप में पहचान बना चुके हैं। अब आरिफ अराफ़ात किसी परिचय के मोहताज नहीं है। आरिफ जब 2 साल का था तो पोलियो बीमारी के कारण एक पांव से दिव्यांग हो गया ।आरिफ अराफात शारीरिक बाधाओं के बावजूद भी मास्टर ऑफ आर्ट तक की पढ़ाई की है। एवं असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए नेट एवं जेआरएफ की तैयारी भी करते हैं। आरिफ दिव्यांग एक्टिविस्ट के रूप में पहचान बनाने के अलावा अभी वर्तमान में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से वकालत की पढ़ाई भी आगरा से कर रहे हैं जिससे कि दिव्यांग जनों को संवैधानिक एवं कानूनी अधिकार दिलाया जा सके। आरिफ का मन परिवर्तन तब हुआ जब गोगरी अनुमंडल गोगरी ब्लॉक के सामने स्थित घर से दिव्यांग जनों परेशानियों में देखा करते थे। तब से ही आरिफ दिव्यांग जनों के लिए कुछ बेहतर एवं जागरूक करने की ठान ली। 5 वर्ष पहले दिव्यांग जनों को एकत्रित कर जागरूक करना शुरू किया एवं योजनाओं के बारे में जानकारी देने लगा। तब दिव्यांग धीरे-धीरे एकत्रित होने लगा तब आरिफ ने स्वयंसेवी संस्था का स्थापना किया ।जिसका नामांकरण दिव्यांगजन कल्याण समिति के रूप में हुआ। इस संस्था में दिव्यांग जनों को अपनी समस्या रखने का एक प्लेटफार्म मिल गया। एवं समाधान होना शुरू हो गया। आरिफ ने संस्था के माध्यम से ईद हो होली हो छठ हो या मोहर्रम त्योहार दिव्यांग जनों को मदद पहुंचा कर त्योहार फीकी ना हो इसके लिए दिव्यांगों को मदद पहुंचाई जाने लगे। आरिफ दिव्यांगजन के लिए और असामाजिक तत्व एवं भ्रष्टाचार्यों से डटकर सामना करते हैं। दिव्यांगों के साथ कोई दुर्व्यवहार किया हो या समाज में यातना दिया जा रहा हो ,सरकारी कार्यालय में दिव्यांग को दौराया जा रहा हो ,या रिश्वत की मांग किया जा रहा हो ,दिव्यांगजन तुरंत आरिफ अराफात को याद करते हैं एवं आरिफ तुरंत पहुंचकर समस्या का समाधान करवाते हैं। दिव्यांग जनों को सरकारी योजना कैसे प्राप्त हो इसके लिए लगातार दिव्यांगजन जागरूकता अभियान पंचायत से लेकर नगर तक चलाते रहते हैं। दिव्यांग जनों को आरिफ अराफ़ात ने दिव्यांग पेंशन ,सहायक उपकरण के साथ दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन राशि ,स्कूली दिव्यांग छात्रों के लिए एस्कॉर्ट एलाइंस छात्रवृत्ति ,दिव्यांग सर्टिफिकेट, यूडी आईडी ,कार्ड रेलवे रियायत प्रमाण पत्र, सरकारी बस रियायत प्रमाण, पत्र इनकम, टैक्स टोल टैक्स, टैक्स फ्री चार चक्का वाहन खरीद। इन सभी योजनाओं को प्राप्त करवाया गया है एवं जागरूकता फैलाया है। आरिफ का ही मेहनत का नतीजा है कि अब दिव्यांग जनों को समाज में सम्मान मिलने लगा है। दिव्यांग जनों को प्रेरित कर कर राजनीतिक भागीदारी भी सुनिश्चित किया जिले के कई पंचायत में दिव्यांगजन वार्ड मेंबर है एवं समिति भी है। आरिफ अराफात संस्था के माध्यम से नेकी की दीवार कार्यक्रम भी चलाते हैं इस कार्यक्रम में लोग नेकी की दीवार में गर्म कपड़े टांग देते हैं और जरूरतमंद ले लेते हैं इस कार्यक्रम से गरीबों को ठंड के मौसम में फायदा पहुंचता है। क्षेत्र के सैनिक अमर बलिदानी को सम्मान देने के लिए आरिफ़ अराफ़ात हर साल एक दिया शहीदों के नाम कार्यक्रम आयोजित करते हैं और दीप प्रज्वलित कर शहीद हुए वीर बलिदानी को याद किया जाता है इस कार्यक्रम से आरिफ को गोगरी प्रशासन एवं खगड़िया प्रशासन के तरफ से सराहा जाता ।है। जिले के हर एक दिव्यांग के दिल में बसने वाले आरिफ अराफ़ात दिव्यांग जन समस्या के समाधान करने के लिए घर पर भी पहुंचते हैं। अब आरिफ अराफात को दिव्यांगजन ब्रदर आफ हैंडिकैप्ड भी कहने लगे हैं ।आरिफ़ अराफत दिव्यांग जनों के लिए अस्पताल हो या न्यायालय सभी जगह पहुंच कर मदद करते हैं। दिव्यांगजनों को राहत पहुंचाने के लिए सांसद फंड हो या विधायक फंड सभी से दिव्यांगों को सहयोग एवं फायदा पहुंचाते हैं। आरिफ अराफात दिव्यांग जनों को मदद पहुंचाने के लिए प्रदेश के नेता हो या सांसद विधायक सभी से मदद करवाने की कोशिश करते रहते हैं। आरिफ का एक ही मिशन है दिव्यांगजनों को संवैधानिक अधिकार कानूनी अधिकार एवं सामाजिक अधिकार पूर्ण रूप से मिल सके जिससे कि दिव्यांगजन अपने आप को उपेक्षित महसूस ना करें। आरिफ अराफ़ात कई बड़े नेता से एवं स्थानीय विधायक डॉक्टर संजीव कुमार से हुई मांग में गोगरी प्रखंड में दिव्यांग भवन बनवाने के लिए प्रयासरत है। जिससे कि दिव्यांगजन का काम एक ही भवन से हो सके इधर-उधर भटकने से बच सके। दिव्यांग जनों के मददगार के रूप में आरिफ अरफात का नाम ही काफी है दिव्यांगों की समस्या का समाधान के लिए। आरिफ अराफ़ात जिले के तमाम प्रतिनिधियों से दिव्यांग जनों से फीडबैक लेते रहते हैं जिससे कि दिव्यांग जनों की हालत का पता लगाकर उसका समाधान एवं योजना को दिलाया जा सके। आरिफ का मानना है कि दिव्यांगजन एक जाति है और इसमें भेदभाव करने वाले से आरिफ दूर हो जाते हैं। आरिफ अराफात को कई संस्था से सम्मान देने का न्योता आया लेकिन आरिफ संस्था से सम्मान लेने से बचते हैं। आरिफ सरकारी प्रस्तति पत्र को वरीयता देते हैं ।आरिफ के काम को देखकर जिले के डीएम से भी सम्मान प्राप्त हुआ है। आरिफ का एक ओर अभियान है दिव्यांगजनों निशक्त बढ़ोतरी करवाना।

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