वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश, राजद ने इसे शोषित और वंचित वर्गों की उपेक्षा बताया तो अर्थशास्त्री ने विकासशील बताया….।
वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश, राजद ने इसे शोषित और वंचित वर्गों की उपेक्षा बताया तो अर्थशास्त्री ने विकासशील बताया….
ठाकुर वरुण कुमार।
समस्तीपुर::- राजद जिलाध्यक्ष विनोद कुमार राय ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गए वर्ष 2020-21 के बजट को दिशाहीन करार दिया है l राजद जिलाध्यक्ष ने कहा कि मुख्य समस्या बेरोजगारी है। मैंने बजट में ऐसा कोई ठोस प्रावधान नहीं देखा, जिससे युवाओं को रोजगार मिले। मुझे ऐसा कोई विचार नजर नहीं आया, जो अच्छी तरह से सरकार की व्याख्या करता हो। इसमें बेहद दोहराव है।
सरकार सिर्फ बातें ही कर रही है, लेकिन काम कुछ नहीं हो रहा है। वित्त मंत्री पर तंज कसते हुए कहा, *लच्छेदार भाषा और ऊंची आवाज में बोलना और पुरानी बातें करने का कोई मतलब नहीं।* उन्होंने कहा कि इस बजट में जनता से जुड़े मुद्दों की पूरी तरह से अनदेखी किये जाने के कारण बजट ने जनसामान्य को निराश करता है। वहीं राजद के प्रांतीय नेता व सकरा विधायक लालबाबू राम ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गए वर्ष 2020-21 के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट जनविरोधी , गरीब विरोधी , छात्र विरोधी , युवा विरोधी , मजदूर विरोधी बजट है l
राजद विधायक ने कहा कि इस बजट से राजकोषीय घाटा और बढ़ने की संभावना हैं l इस बजट से गरीब -किसान -मजदुर को निराशा हाथ लगी हैं l वही बेरोजगार युवा भी हताश हुए है l
सरकार ने यह बजट चुनिंदा समृद्ध घरानों को और अधिक समृद्ध करने के लिये बनाया है। उन्होंने इसे पूजीवादी बजट बताते हुये कहा कि इसमें समाज के शोषित और वंचित वर्गों की उपेक्षा कर सिर्फ पूंजीपति वर्ग की सहूलियतों का ख्याल रखा गया है। वहीं आम-बजट 2020-21 पर त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए डॉ. विजय कुमार गुप्ता (विभागाध्यक्ष), अर्थशास्त्र, वीमेंस कॉलेज, समस्तीपुर ने कहा कि वर्ष 2020-21 का बही-खाता गुणवत्ता के साथ आर्थिक विकास पर बल देता है l
जहां एक तरफ यह ग्रामीण क्षेत्रों का आधुनिकीकरण, किसानों के हित, आम लोगों के स्वास्थ्य शैक्षणिक गुणवत्ता, महिलाओं के स्वावलंबन आदि पर केन्द्रित है l वहीं दूसरी ओर यह टैक्स स्लैब मे बदलाव एवं दरों में कटौती कर मध्यम वर्ग को राहत देने की कोशिश की गई है l
युवाओं के लिए कौशल विकास पर बल तो देता है लेकिन उसके रोजगार सुनिश्चित होंगे, उसमें संशय हैं l लघु-मध्यम उद्योग और छोटे-मोटे खुदरा व्यापार बढावा के लिए कोई खास योजना, रणनीति नही दिखती है l