अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम को लेकर एकदिवसीय समीक्षात्मक बैठक

अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम को लेकर एकदिवसीय समीक्षात्मक बैठक

जिले के सभी प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक हुए उपस्थित

जे टी न्यूज़, मधुबनी :परिवार कल्याण कार्यक्रम अनीमिया मुक्त भारत, अश्विन पोर्टल से आशा के मानदेय का भुगतान, एचबीएनसी व एचबीवाईसी कार्यक्रम को लेकर पारा मेडिकल संस्थान राघोपुर बलाट में जिले के सभी प्रखंड के प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक का एक दिवसीय समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया. जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने बताया अनीमिया एक गंभीर लोक स्वास्थ्य समस्या है. इससे जहाँ शिशुओं का शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध होता है. वहीँ किशोरियों एवं माताओं में कार्य करने की क्षमता में भी कमी आ जाती है. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय पोषण अभियान के अंतर्गत ‘ अनीमिया मुक्त भारत’ कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है. बिहार सहित देश के सभी राज्यों में इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को संचालित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत 6 विभिन्न आयु वर्ग के समूहों को चिन्हित कर उन्हें एनीमिया से मुक्त करने की पहल की गयी है.

अनीमिया में प्रतिवर्ष 3% की कमी लाने का लक्ष्य:
सिविल सर्जन डॉ नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि इस अभियान के तहत 6 विभिन्न आयु वर्ग की महिलाओं को लक्षित किया गया है. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश के लोगों को अनीमिया जैसे गंभीर रोगों से बचाव करना है. साथ ही इस कार्यक्रम के तहत एनीमिया में प्रतिवर्ष 3% की कमी लाने का लक्ष्य भी रखा गया है. इसके लिए सरकार द्वारा 6X6X6 की रणनीति के तहत 6 आयुवर्ग, 6 प्रयास एवं 6 संस्थागत व्यवस्था की गयी है. यह रणनीति आपूर्ति श्रृंखला , मांग पैदा करने और मजबूत निगरानी पर केंद्रित है. उन्होंने कहा कि खून में आयरन की कमी होने से शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है. इसके लिए सभी को आयरन एवं विटामिन ‘सी’ युक्त आहार का सेवन करना चाहिए. जिसमें आंवला, अमरुद एवं संतरे प्राकृतिक रूप से प्रचुर मात्रा में मिलने वाले स्रोत हैं. उन्होंने कहा कि विटामिन ‘सी’ ही शरीर में आयरन का अवशोषण करता है. इस लिहाज से इसकी मात्रा को शरीर में संतुलित करने की जरूरत है.

परिवार नियोजन के लिए बास्केट ऑफ च्वाइस में कई विकल्प :

परिवार नियोजन कार्यक्रम की चर्चा करते हुए जिला सामुदायिक उत्प्रेरक ने बताया इच्छुक दंपतियों के पास बास्केट ऑफ च्वाइस जैसे विकल्प मौजूद हैं। इस बास्केट ऑफ च्वाइस में विभिन्न प्रकार के गर्भनिरोधक साधन होते हैं। इनमें स्थायी तथा अस्थायी साधन मौजूद होते हैं, जिसकी मदद से एक दंपति अपनी सुविधानुसार गर्भनिरोध के विकल्प का चयन कर सकता है। परिवार नियोजन के बास्केट ऑफ चॉइस में माला एन दैनिक गर्भनिरोधक गोलियां, इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोलियां, छाया सप्ताहिक गर्भनिरोधक गोलियां, अंतरा 3 महीने के लिए लगाई जाने वाली गर्भनिरोधक सुई, कंडोम, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी इत्यादि अस्थाई साधन तथा महिला एवं पुरुष नसबंदी जैसे परिवार नियोजन की स्थाई विधियों की जानकारी शामिल हैं। दंपत्ति आपसी सहमति से ऐसे विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

मौके पर जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास, डीडीए इंचार्ज, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, जिला समन्वयक पिरामल, सी-3, पीसीआई उपस्थित रहे.

 

जिले के सभी प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक हुए उपस्थित

 

जे टी न्यूज़, मधुबनी :परिवार कल्याण कार्यक्रम अनीमिया मुक्त भारत, अश्विन पोर्टल से आशा के मानदेय का भुगतान, एचबीएनसी व एचबीवाईसी कार्यक्रम को लेकर पारा मेडिकल संस्थान राघोपुर बलाट में जिले के सभी प्रखंड के प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक का एक दिवसीय समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया. जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने बताया अनीमिया एक गंभीर लोक स्वास्थ्य समस्या है. इससे जहाँ शिशुओं का शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध होता है. वहीँ किशोरियों एवं माताओं में कार्य करने की क्षमता में भी कमी आ जाती है. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय पोषण अभियान के अंतर्गत ‘ अनीमिया मुक्त भारत’ कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है. बिहार सहित देश के सभी राज्यों में इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को संचालित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत 6 विभिन्न आयु वर्ग के समूहों को चिन्हित कर उन्हें एनीमिया से मुक्त करने की पहल की गयी है.

 

अनीमिया में प्रतिवर्ष 3% की कमी लाने का लक्ष्य:

सिविल सर्जन डॉ नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि इस अभियान के तहत 6 विभिन्न आयु वर्ग की महिलाओं को लक्षित किया गया है. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश के लोगों को अनीमिया जैसे गंभीर रोगों से बचाव करना है. साथ ही इस कार्यक्रम के तहत एनीमिया में प्रतिवर्ष 3% की कमी लाने का लक्ष्य भी रखा गया है. इसके लिए सरकार द्वारा 6X6X6 की रणनीति के तहत 6 आयुवर्ग, 6 प्रयास एवं 6 संस्थागत व्यवस्था की गयी है. यह रणनीति आपूर्ति श्रृंखला , मांग पैदा करने और मजबूत निगरानी पर केंद्रित है. उन्होंने कहा कि खून में आयरन की कमी होने से शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है. इसके लिए सभी को आयरन एवं विटामिन ‘सी’ युक्त आहार का सेवन करना चाहिए. जिसमें आंवला, अमरुद एवं संतरे प्राकृतिक रूप से प्रचुर मात्रा में मिलने वाले स्रोत हैं. उन्होंने कहा कि विटामिन ‘सी’ ही शरीर में आयरन का अवशोषण करता है. इस लिहाज से इसकी मात्रा को शरीर में संतुलित करने की जरूरत है.

 

परिवार नियोजन के लिए बास्केट ऑफ च्वाइस में कई विकल्प :

 

परिवार नियोजन कार्यक्रम की चर्चा करते हुए जिला सामुदायिक उत्प्रेरक ने बताया इच्छुक दंपतियों के पास बास्केट ऑफ च्वाइस जैसे विकल्प मौजूद हैं। इस बास्केट ऑफ च्वाइस में विभिन्न प्रकार के गर्भनिरोधक साधन होते हैं। इनमें स्थायी तथा अस्थायी साधन मौजूद होते हैं, जिसकी मदद से एक दंपति अपनी सुविधानुसार गर्भनिरोध के विकल्प का चयन कर सकता है। परिवार नियोजन के बास्केट ऑफ चॉइस में माला एन दैनिक गर्भनिरोधक गोलियां, इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोलियां, छाया सप्ताहिक गर्भनिरोधक गोलियां, अंतरा 3 महीने के लिए लगाई जाने वाली गर्भनिरोधक सुई, कंडोम, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी इत्यादि अस्थाई साधन तथा महिला एवं पुरुष नसबंदी जैसे परिवार नियोजन की स्थाई विधियों की जानकारी शामिल हैं। दंपत्ति आपसी सहमति से ऐसे विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

मौके पर जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास, डीडीए इंचार्ज, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, जिला समन्वयक पिरामल, सी-3, पीसीआई उपस्थित रहे.

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