भगवान के नाम का सुमिरन ही भवसागर से पार कर सकता है: डॉ० हीरामणि

भगवान के नाम का सुमिरन ही भवसागर से पार कर सकता है: डॉ० हीरामणि

जे टी न्यूज, मुंगेर: रामकथा कलयुग में भगवत प्राप्ति का सबसे सरल साधन है, जो कानों के माध्यम से व्यक्ति के मन में प्रवेश करती है। इससे भगवान की छवि मन में बैठ जाती है और भगवत दर्शन की लालसा पैदा करती है। इसी लालसा से ही रास्ता निकाला जाता है। उक्त बातें प्रखंड के बलिया पंचायत अंतर्गत आदर्श दुर्गा मंदिर कुआंगढ़ी के प्रांगण में आयोजित 9 दिवसीय श्री राम कथा के प्रथम दिन बनारस की सुप्रसिद्ध कथा वाचिका डॉ० हीरामणि मानस भारती ने अपने प्रवचन के दौरान कही। कथा वाचिका सुश्री भारती ने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने ईश्वर की प्राप्ति के लिए सतगुरु की आवश्यकता बताई है।

गुरु खोजे नहीं जाते, गुरु का दर्शन किया जाता है। उन्होंने राम नाम की महिमा बताते हुए कहा कि कलयुग में योग, यज्ञ ,जप, तप, व्रत, पूजा जैसे साधना के कठिन मार्ग संभव नहीं है। केवल भगवान के नाम का सुमिरन ही भवसागर से पार कर सकता है।

भगवान के सहस्त्रनाम हैं और कोई भी नाम जपा जा सकता है। इसी प्रसंग में उन्होंने माता सती के अभिमान और बिन बुलाए अपने पिता के यज्ञ में जाने और भगवान शंकर का अपमान होने पर योग अग्नि के द्वारा अपने शरीर को जलाकर भस्म करने की  कथा सुनकर श्रोताओं का  हृदय द्रवित हो गया उन्होंने भगवान शिव तथा सती के प्रसंग के माध्यम से राम कथा के महत्व का सुंदर वर्णन किया। वही राम कथा के दौरान भजन गायक गुलशन बावरा के द्वारा गए गए भजन “राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी दीप जला के दिवाली मनाऊंगी” पर श्रद्धालु झूमने को मजबूर हो गए। राम कथा से संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो चुका हैं। कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर आयोजक आदर्श दुर्गा मंदिर कुआंगढ़ी के सभी सदस्य एवं कार्यकर्ता भक्ति भाव से लगे हुए हैं।

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