विश्वकर्मा काष्ठ शिल्पी विकास समिति (काष्ठकर्मी संघ) का जिला स्तरीय बैठक संपन्न

विश्वकर्मा काष्ठ शिल्पी विकास समिति (काष्ठकर्मी संघ) का जिला स्तरीय बैठक संपन्न

जे टी न्यूज, मधुबनी : विश्वकर्मा काष्ठ शिल्पी विकास समिति (काष्ठकर्मी संघ) का जिला स्तरीय बैठक स्थान मिथिला भवन मधुबनी में आयोजित किया गया। बैठक की अध्यक्षता अरुण कुमार शर्मा ने किया। बैठक को रामचंद्र शर्मा प्रदेश मुख्य संरक्षक बिहार ने अपने संबोधन में कहा “विश्वकर्मा अधिकार रैली” दिनांक 29/01/ 2024 सोमवार को स्थान मिलर हाई स्कूल मैदान, पटना में आयोजित किया गया है। उक्त रैली में सुबे बिहार से हजारों विश्वकर्मा बढ़ई संगठन समन्वय समिति उपस्थित होकर अधिकार के लिए सात सूत्री मांगों पर आंदोलन करेंगे।

विदित हो की आजादी के 77 वर्षों के बाद भी सत्ता में हमारीभागीदारी शून्य है। हम लोगों के पैतृक पेशा के खिलाफ कई काले कानून बना दिए गए हैं। इस समाज पर शोषण जुलुम बढ़ती जा रही है। हमारे बढ़ई समाज में एक भी विधायक या जनप्रतिनिधि ना रहने के कारण हमारी बातों को नहीं उठाया जाता है। 98% प्रतिशतभूमिहीन जिसमें 82%प्रतिशत दैनिक मजदूरी पर निर्भर है।

गलत नीतियों के कारण हमारी पेशा समाप्त हो रही है। जाति जनगणना के अनुसार 20 लाख हम लोगों की जनसंख्या है। हमसे कम जनसंख्या वाले सत्ता में हैं।संगठन तय किया है कि आने वाले चुनाव में राजनीतिक पार्टी को जवाब देगी जो हमारे लोगों को सत्ता में भागीदारी की बात करेगी उसके लिए समाज मतदान करेगी। हमारी मांगे :- 1.संख्या बल के आधार पर सत्ता में हिस्सेदारी हो। 2.विश्वकर्मा आयोग का गठन हो। 3. शिल्पी विकास निगम की स्थापना हो। 4. बढ़ई को अनुसूचित जाति में शामिल करो। 5. 18″ आरा मशीन फर्नीचर कार्य हेतु फ्री करो। 6. सभी काष्ठकर्मियों को भवन निर्माण कल्याण बोर्ड में निबंधित करो। 7. कार्यालयों में बढ़ईगिरी पद पर केवल बढ़ई जाति को बहाल करो इत्यादि मांगों को लेकर सभी जिलों में तैयारी चल रही है साथ में रथ भी हर एक जिले में घुमाया जा रहा है।

29 जनवरी 2024 के तैयारी को लेकर मधुबनी जिले मे भी रथ यात्रा जोर शोर से चल रही है जिसका नेतृत्व श्री नंदकिशोर शर्मा, राम गणेश शर्मा, मिश्रीलाल ठाकुर, सुरेश शर्मा, देव कुमार ठाकुर, रामकृष्ण ठाकुर, रंजीत कुमार शर्मा, अरुण कुमार शर्मा, राजकुमार ठाकुर, गोपाल ठाकुर, शिवराम ठाकुर, छोटेलाल शर्मा, नागेश्वर ठाकुर, ब्रह्मदेव ठाकुर, राम नंदन ठाकुर इत्यादि ने किया।

 

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