* नागरिकता कानून में ठोस प्रावधान नहीं होने के कारण बाबुओं-अफसरों के रहमोंकरम पर जनता की निर्भरता रहेगी-धुरन सहनी* सत्याग्रह आंदोलन का 41 वां दिन. आशीष आनंद

* नागरिकता कानून में ठोस प्रावधान नहीं होने के कारण बाबुओं-अफसरों के रहमोंकरम पर जनता की निर्भरता रहेगी-धुरन सहनी
* सत्याग्रह आंदोलन का 41 वां दिन

आशीष आनंद
समस्तीपुर 19 फरवरी’20
संदिग्ध नागरिक घोषित करने का कोई ठोस प्रावधान नागरिकता कानून में नहीं है । यह बाबुओं अफसरों के तथाकथित विवेक या रहमोंकरम पर निर्भर है।

असम इसका बेहतर उदाहरण है जहां पूर्व राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, सैनिक, सरकारी सेवक आदि के परिजन भी नागरिकता नहीं पा सके। यही कारण है कि इस कानून के खिलाफ भी बड़े पैमाने पर आंदोलन जारी है।अपने अध्यक्षीय भाषण में धुरन सहनी ने कहा।

वे गत 10 जनवरी से समस्तीपुर समाहरणालय के समक्ष जारी सत्याग्रह आंदोलन को 41 वें दिन संबोधित कर रहे थे। मौके पर आहूत सभा की अध्यक्षता मो० जाकीर हुसैन, धुरन सहनी एवं परवेज आलम ने किया।

गंगा प्रसाद पासवान एवं मो० अंजार अख्तर ने संचालन किया। सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, नसीम अब्दुल्ला, पप्पू खान, खालिद अनवर, मोहम्मद जफर, मोहम्मद मसिर आलम सिद्दीकी, मो० रूबैद, मो० तमन्ना, नासरीन अंजुम, उजमा रहीम, अशोक यादव, संजय नायक, नवीन यादव, तुफैल अहमद, मो० महताब आलम,तौकीर अख्तर, तनवीर अख्तर, जितेंद्र सिंह चंदेल, अनंत कुशवाहा, रंजीत कुमार, समेत अन्य कार्यकर्ताओं ने सभा को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार से विवादित प्रावधानों को वापस लेकर आंदोलन समाप्त करवाने की मांग की।

राज कुमार राय/9431406262

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