सजन घर आ जाओ
सजन घर आ जाओ
जे टी न्यूज
सूनी बगिया में अमृत
बरसा जाओ ,
आया है मधुमास सजन
घर आ जाओ !
सरसों के फूलों से धरती पीली है ,
कोयल की बोली सुन पलकें गीली हैं ,
आँखों में नूतन विश्वास
जगा जाओ !
आया है मधुमास सजन
घर आ जाओ !
अमराई की खुशबू मदन जगाती है ,
हवा बसंती तन में अगन लगाती है ,
विरहन के अंतर की प्यास
बुझा जाओ !
आया है मधुमास सजन
घर आ जाओ !
मुझे बिठाकर ले जाओ अब डोली में ,
नहीं अकेली रह पाऊँगी होली में ,
अंग-अंग में भरकर रंग
लगा जाओ !
आया है मधुमास सजन
घर आ जाओ !
प्रतिभा इन्दु ✍️
भिवाड़ी राजस्थान