बिहार राज्य सचिव मण्डल सदस्य भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी द्वारा *धर्म गुरुओं एवं राष्ट्रीय पूंजीपतियों से चंद सवाल ?* पूछे गए…।

बिहार राज्य सचिव मण्डल सदस्य भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी द्वारा *धर्म गुरुओं एवं राष्ट्रीय पूंजीपतियों से चंद सवाल ?* पूछे गए…

जेटी न्यूज- कार्यालय।

प० चम्पारण::- बिहार राज्य सचिव मण्डल सदस्य
भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी प्रभुराज नारायण राव द्वारा धर्म गुरुओं एवं राष्ट्रीय पूंजीपतियों से चंद सवाल पूछा गया है कि
संसार में जब मानवता संकट में होती हैं, धनी व धर्म के ठेकेदार मैदान छोड़कर छुप जाते हैं क्यों?
आज कोरोना के कारण मानव समाज मुश्किल में है।

हर देश में मेडिकल क्षेत्र व रिसर्च के वैज्ञानिक देवदूत बन कर मानवता की सेवा कर रहे हैं। अपनी जान जोखिम में डालकर आम व्यक्ति से लेकर धर्म के उन ठेकेदारों की जान बचाने में लगे हुए हैं जो हर दिन विज्ञान व वैज्ञानिक को नकारते व दुत्कारते हैं, जो हर पल वैज्ञानिक सोच की धज्जियां उड़ाते हुए धार्मिक अंधविश्वासों को स्थापित करते हैं। आज मोदी सरकार सारे धार्मिक स्थलों में ताला लगा कर तथाकथित भगवान को कैद कर दिया है। धर्म के ठेकेदार मौन है।

इन्हें अच्छी तरह पता है कि रोग के ऐसे भयावह प्रकोप में उन्हें काल्पनिक ईश्वर बचाने नहीं आएगा और वैज्ञानिक ही उनको जीवन दान देंगे। वे कितने महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान देकर पल भर में लाखों लोगों को मार देने वाली बीमारियों के टीके इजाद किए वरना यह धरती मरघट बन गई होती।

भारत में हर साल ऐसे धार्मिक स्थलों को सरकार व कार्पोरेट घरानें अरबों रुपये का अनुदान देते है। श्रद्धालुओं से करोड़ों रुपयों का दान मिलता है लेकिन प्राकृतिक विपदा के समय में धर्म के ये ठेकेदार मैदान छोड़कर भाग जाते हैं और आम व्यक्ति और वैज्ञानिक ही संघर्ष करते नजर आते हैं। अरबों रुपयों पर सांप की तरह कुंडली मार कर बैठे ये लोग ऐसी विपदा में अठन्नी भी नहीं निकालते हैं।
धर्म के नाम पर ये दलित व महिला का अपमान, आपसी नफरत, झूठ अंधविश्वास व अवैज्ञानिक तथ्यों की घुट्टी पिलाकर इंसानियत का भारी नुकसान कर रहे हैं।

ढाई हजार साल पहले तथागत बुद्ध से लेकर आधुनिक दुनिया के कई महान विचारकों व वैज्ञानिकों ने यह साबित कर दिया है कि ईश्वर का कोई अस्तित्व नहीं है, संसार का सृजन किसी काल्पनिक ईश्वर ने नहीं किया बल्कि इसका विकास हुआ है और प्रकृति के नियमों से संसार चलता है। लेकिन इन सारे तथ्यों को पैरों तले रौंदते हुए धर्म के ठेकेदार ईश्वर के नाम पर लूट और वैज्ञानिक सोच का गला घोंटते जा रहे हैं।
आखिर इस बार भी आशा की किरण विज्ञान ही है। कोई मजाक समझ रहे हैं, कोई यज्ञ हवन पूजा कर रहे हैं, कोई गोमूत्र की घुट्टी पिला रहे हैं, कोई सेनेटाइजर की जमाखोरी व मास्क की कालाबाजारी कर रहे हैं तो दूसरी ओर मानवता के रक्षक वैज्ञानिक कोरोना का टीका बनाकर परीक्षण में लगे हुए हैं और हर बार की तरह जीत तर्क, विवेक और विज्ञान की ही होगी।

आइए वैज्ञानिकों के सुझावों को कार्यरूप दिया जाय।
मजबूती से 21 दिन घरों में अपने को नियंत्रित किया जाय और इस विपदा से स्वयं सहित राष्ट्र को मुक्त किया जाय। क्योंकि जिस चीन से यह कोरोनावायरस निकला, आज इसी रास्ते को अपनाकर अपने को मुक्त कर लिया।

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